राईट न्यूज / नाहन
जिला सिरमौर में सड़कों के अधिकतर रूटों पर पुरानी बसें ही दौड़ रहीं हैं। इनमें चाहे हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसें हो या निजी। एचआरटीसी की बात की जाए तो जिले के 159 रूट पुरानी बसों के सहारे चल रहे हैं। यात्री पुरानी बसों में ही सफर करने को विवश हैं।
एचआरटीसी की नाहन वर्कशाप में निगम की आठ बसें कंडम पड़ी हैं। इसकी एवज में बसों की मांग निगम मुख्यालय को भेजी गई थी लेकिन बदले में केवल दो बसें ही मिल पाई हैं। ऐसे में पुरानी बसों से ही काम चलाया जा रहा है। इनमें से 13 के करीब बसें तो ऐसी हैं, जो आठ से 12 लाख किलोमीटर तक चल चुकी हैं।
यही हाल निजी बसों का भी है। जिले में 169 निजी बसें चल रही हैं। इनमें से 50 फीसदी बसें ऐसी हैं जो काफी पुरानी हो चुकी हैं। जिले का खासकर शिलाई, श्रीरेणुकाजी, हरिपुरधार, संगड़ाह, नौहराधार, राजगढ़, पझौता क्षेत्र पहाड़ीनुमा है। इन इलाकों की सर्पीली सड़कों पर पुरानी बसों के सहारे ही यात्रियों को आने-जाने की सुविधा प्रदान की जा रही है, जो काफी जोखिमपूर्ण रहता है। कई बार हादसे भी हो चुके हैं लेकिन सबक आज तक नहीं लिया गया। कई इलाकों में पहले ही सड़कों की हालत खस्ता है। ऊपर से पुरानी बसों को दौड़ाकर हर समय यात्रियों की सांसें मुट्ठी में रहती हैं।
हिमाचल पथ परिवहन निगम के नाहन डिपो के क्षेत्रीय प्रबंधक संजीव बिष्ट ने बताया कि डिपो में आठ बसें कंडम हैं। उन्होंने बताया कि नई बसों के लिए मांग भेजी गई थी लेकिन दो ही बसें मिल पाई हैं। फिलहाल पुरानी बसों से ही काम चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए निगम का सदा बेहतर सेवाएं देने का प्रयास रहता है।