राईट न्यूज / हिमाचल
एचआरटीसी ड्राइवर सीमा राज्य की पहली ऐसी महिला ड्राइवर बन गई हैं जो इंटर स्टेट बस चला रही है। प्रदेश की पहली महिला ड्राइवर बनकर भी सीमा ने इतिहास रचा था।
5 मई 2016 को जब सीमा ने बतौर ड्राइवर एचआरटीसी ज्वाइन की थी तो पूरे प्रदेश में चर्चा हुई थी क्योंकि सीमा पहली महिला बस ड्राइवर थीं। सीमा ने जब इस पेश को चुना तो कोई बेटियों को ड्राइवर बनाने के बारे में सोचता भी नहीं था। 5 साल में इतना बदलाव देखने को मिला कि राज्यों में कई जगहों पर बेटियां बस चलाने की ट्रेनिंग ले रही हैं।
अब सीमा प्रदेश की ऐसी महिला चालक बनी हैं जो एक राज्य से दूसरे राज्य में बस चला रही हैं। सीमा ने बुधवार को चंडीगढ़ रूट पर 37 सीटर बस चलाई। वे प्रदेश की पहली ऐसी महिला ड्राइवर बन गई हैं, जिन्होंने इंटर स्टेट के रूट पर बस चलाई है। सीमा ठाकुर अभी तक शिमला-सोलन के बीच चलने वाली इलेक्ट्रिकल बस चलाती रही हैं। ऐसे में अब उन्हें इंटर स्टेट यानि चंडीगढ़ रूट पर भी बस चलाने का मौका दिया गया है। इन्होंने सुबह शिमला से सुबह 7:55 पर चंडीगढ़ रूट के लिए बस चलाई। यह बस करीब 12.15 बजे चंडीगढ़ पहुंची। उसके बाद 12:30 बजे चंडीगढ़ से शिमला के लिए रवाना हुई।
31 साल की सीमा सोलन के अर्की की रहने वाली हैं। सीमा ने अपने ड्राइविंग के शौक को प्रोफेशन में बदल लिया। पहले सीमा शिमला में एचआरटीसी की टैक्सी सेवा में सर्विस देती थी। बाद में वो शिमला से सोलन में इलेक्ट्रिक बस चलाने लगीं और अब वो अंतरराज्यीय रूट भी बस दौड़ा रही हैं। सीमा ने महिला सशक्तिकरण की मिसाल पेशकर बेटियों को प्रेरणा दी है।
सीमा के पिता एचआरटीसी में ड्राइवर थे। अब वो इस दुनिया में नहीं है। सीमा ने शिमला को कोटशेरा कॉलेज से बीए और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से एमए की डिग्री हासिल की। कोरोना काल में सेवाएं देने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी सीमा को सम्नानित कर चुके हैं।