राईट न्यूज / हिमाचल
देश के सबसे लंबे लेह-मनाली-दिल्ली (1026 किमी) बस रूट पर अब अगले साल ही एचआरटीसी की बस में सफर कर सकेंगे। इस सीजन में इस रूट पर पर केलांग डिपो की बस महज 38 दिन ही दौड़ पाई है। इससे केलांग डिपो को लाखों रुपयों का नुकसान हुआ है।
अमूमन इस रूट पर सालाना साढ़े तीन से चार माह तक बस चलती थी, लेकिन इस बार प्राकृतिक आपदा के चलते सड़कें बंद होने पर लेह-दिल्ली रूट पर बस महज 38 दिन ही दौड़ सकी है। बता दें कि इस बार लेह-दिल्ली के बीच आठ जून को बस सेवा शुरू हुई थी। शुरुआत में बस के सुहाने सफर का आनंद उठाने के लिए बस पूरी तरह से पैक चल रही थी। ऐसे में निगम ने एक और बस चलाने का फैसला लिया था। हालात ऐसे बिगड़े कि पूरे सीजन में एक ही बस 38 दिन से अधिक नहीं चल पाई।
वहीं अब 15 सितंबर से यह मार्ग आधिकारिक तौर पर बंद हो जाता है। एचआरटीसी के केलांग डिपो ने लेह-दिल्ली के बीच आठ जून को बस सेवा शुरू की थी। लेकिन प्राकृतिक आपदा की मार से सबसे लंबा रूट पर भी बाधित हो गया।
30 घंटे का सफर, एक सवारी का किराया 1,736 रुपये
निगम की बस लेह से दिल्ली का सफर 30 घंटे में पूरा करती है और प्रति सवारी किराया 1,736 रुपये है। इस बस में दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और लेह लद्दाख के अलावा विदेशी सैलानी भी सफर करते हैं। बस समुद्र तल से 16,500 फीट ऊंचे बारालाचा, नकिल्ला (15,547 ), तंगलंगला (17,480) तथा लाचुंग दर्रा (16,616 फीट) ऊंचे दर्रो से होकर रोमांच सफर का अनुभव करवाता है। अब देश, विदेश के यात्री निगम की बस में अगले सीजन में ही जा सकेंगे।
इस बार देश के सबसे लंबे लेह-दिल्ली रूट पर महज 38 दिन ही बस का संचालन हो पाया है। कहा कि 15 सितंबर से यह मार्ग अधिकारिक तौर से बंद हो जाता है। सर्दी का मौसम शुरू होने से कुनाली-लेह के बीच पड़ने वाली बर्फ से दर्रे लकदक हो जाते हैं। – राधा देवी, क्षेत्रीय प्रबंधक, एचआरटीसी केलांग डिपो