राईट न्यूज / हिमाचल
प्रदेश की सत्ता पर 11 दिसंबर, 2022 को काबिज हुई सुक्खू सरकार ने अब जाकर अपनी पहली चुनावी गारंटी पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाली को 1 अप्रैल, 2023 से लागू करने का फैसला लिया है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में सचिवालय में हुई कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी दी गई। इस फैसले से सरकार पर सालाना करीब 1,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा।
प्रदेश के 1.36 लाख कर्मचारियों का एक अप्रैल से
नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) फंड कटना बंद हो जाएगा। इन कर्मचारियों को कैबिनेट ने जीपीएफ के तहत लाने का फैसला लिया है। एनपीएस में रहने के इच्छुक कर्मियों को लिखित में विकल्प देने की पेशकश की गई है। भविष्य में जो नए कर्मचारी सरकारी सेवा में नियुक्त होंगे, वे पुरानी पेंशन व्यवस्था में आएंगे।
जिन एनपीएस कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति 15 मई, 2003 के बाद हुई है, उनको भावी तिथि से पुरानी पेंशन दी जाएगी। नियमों में आवश्यक संशोधन के बाद एनपीएस में सरकार और कर्मचारियों द्वारा जारी अंशदान 1 अप्रैल, 2023 से बंद हो जाएगा। कैबिनेट ने वित्त विभाग को इस संबंध में नियमों में बदलाव करने और आवश्यक निर्देश जारी करने को कहा है। कैबिनेट ने केंद्र सरकार से प्रदेश की 8,000 करोड़ रुपये एनपीएस राशि लौटाने का प्रस्ताव भी पारित किया है।
प्रोत्साहन आधार पर भरे जाएंगे आशा वर्करों के 780 पद
प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत इन्सेटिव (प्रोत्साहन) आधार पर 780 आशा वर्कर रखने का फैसला लिया है। यह सामुदायिक स्तर पर सुगम और विश्वसनीय स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं उपलब्ध करवाने में स्वास्थ्य कार्यकर्ता के रूप में कार्य करेंगी। बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सामुदायिक प्रक्रिया कार्यक्रम के तहत आशा सेवा प्रदाता (फेसिलिटेटर) रखने के लिए दिशा-निर्देशों को भी स्वीकृति प्रदान की गई।
पहली से आठवीं कक्षा के सामान्य श्रेणी के लड़कों को नहीं मिलेगी निशुल्क वर्दी
कैबिनेट के एक अन्य फैसले के तहत प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले सामान्य श्रेणी के लड़कों को अब निशुल्क वर्दी नहीं मिलेगी। इन कक्षाओं की सभी बेटियों को योजना के दायरे में शामिल किया गया है। सरकार ने व्यवस्था परिवर्तन करते हुए सिर्फ एससी, एसटी और बीपीएल परिवारों के लड़कों को लाभ देने का फैसला लिया है। इन 3.70 लाख विद्यार्थियों को अब कपड़े की जगह डीबीटी के माध्यम से 600-600 रुपये दिए जाएंगे।
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने बताया कि कैबिनेट ने पहली से आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली सभी लड़कियों और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और बीपीएल परिवारों के लड़कों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से 600 रुपये प्रति विद्यार्थी हस्तांतरित करने को स्वीकृति प्रदान की। यह राशि स्कूल की वर्दी के लिए इन विद्यार्थियों अथवा उनकी माता के नाम हस्तांतरित की जाएगी। उधर, नवीं से बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों को वर्दी दिए जाने या बंद करने को लेकर कैबिनेट बैठक में कोई फैसला नहीं हुआ है। आने वाले दिनों में होने वाली कैबिनेट बैठक में इन कक्षाओं के विद्यार्थियों को दी जाने वाली वर्दी को लेकर अलग से फैसला लिया जाएगा।
टोल बैरियरों की नीलामी का फैसला
मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश टोल्ज एक्ट 1975 के तहत वर्ष 2023-24 के लिए 55 टोल बैरियर को नीलामी एवं निविदा प्रक्रिया के माध्यम से पट्टे पर देने की भी स्वीकृति प्रदान की। बीते दो वर्षो से टोल बैरियरों की सरकार नीलामी करती आई है। इससे पहले बैरियरों का नवीकरण होता था।
योल खास कंटोनमेंट बोर्ड से बाहर सिविल क्षेत्र पंचायतों में सम्मिलित
कैबिनेट ने योल खास कंटोनमेंट बोर्ड से बाहर सिविल क्षेत्र को साथ लगती ग्राम पंचायतों रक्कड़, बाघनी, तंगरोटी खास और नरवाणा खास में सम्मिलित करने को स्वीकृति प्रदान की।