राईट न्यूज / हिमाचल
प्रदेश में आपदा से निपटने के लिए सरकार के सहयोग को विश्व बैंक आगे आया है। विश्व बैंक ने प्रदेश को नुक्सान के व्यापक आकलन और पूर्ण सहायता प्रदान करने की पेशकश की है। इसके साथ ही भारत में बैंक के कंट्री डायरैक्टर अगस्ते तानो कौमे ने एक पत्र के माध्यम से प्राकृतिक आपदा के कारण उत्पन्न हुईं परिस्थितियों से कुशलतापूर्वक निपटने के लिए मुख्यमंत्री की असाधारण नेतृत्व क्षमताओं की सराहना की। उन्होंने राहत एवं बचाव कार्यों के लिए व्यक्तिगत रूप से निगरानी और प्रदेश से पर्यटकों की सकुशल वापसी सुनिश्चित करने तथा त्वरित कदम उठाने के लिए मुख्यमंत्री के प्रयासों को सराहा है।
नुक्सान की भरपाई में लगेगा 1 साल का समय
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह ने शुक्रवार को उनका आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हाल ही में आपदा के कारण प्रदेश को भारी क्षति पहुंची है और इसकी भरपाई करने में कम से कम 1 वर्ष लगेगा। उन्होंने शिमला में जानकारी देते हुए कहा कि अब तक 8000 करोड़ रुपए से अधिक नुक्सान का अनुमान है और सड़क, पुल, बिजली और पानी की आपूर्ति जैसी मूलभूत सुविधाओं की स्थायी बहाली राज्य सरकार की प्राथमिकता है।
राज्य और प्रदेशवासियों के लिए परीक्षा की घड़ी
सीएम ने कहा कि यह राज्य और प्रदेशवासियों के लिए परीक्षा की घड़ी है और विश्व बैंक का सहयोग यहां पुनर्वास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने विश्वास जताया कि विश्व बैंक की सहायता से राज्य पुनर्वास और पुनर्निर्माण की दिशा में आगे बढ़ेगा और भविष्य में आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए सुदृढ़ प्रणाली विकसित करने की दिशा में कार्य करेगा।
मूल्यांकन का दिया प्रस्ताव
विश्व बैंक ने प्रदेश सरकार को सड़क, बिजली, जलापूर्ति, आवास, सार्वजनिक भवन, सिंचाई के बुनियादी ढांचे, कृषि, बागवानी व पशुधन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में नुक्सान के सटीक आकलन के लिए जीएफडीआरआर के सहयोग से मूल्यांकन का प्रस्ताव दिया है। इसके अलावा विश्व बैंक पुनर्वास और पुनर्निर्माण, आपदा जोखिम प्रबंधन, अधोसंरचना निर्माण, पारिस्थितिकी तंत्र और आजीविका के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए भी तैयार है।