छठा वित्त आयोग: शहरी निकायों से पूछा, कहां-कहां नाजायज कब्जे

छठा वित्त आयोग: शहरी निकायों से पूछा, कहां-कहां नाजायज कब्जे

राईट न्यूज / हिमाचल

प्रदेश सरकार के छठे वित्तायोग ने नगर निगमों, नगर परिषदों और नगर पंचायतों से पूछा है कि उनके नाजायज कब्जे कहां-कहां हैं। इन्हें हटाने के लिए अब तक क्या किया गया है। आय के स्रोतों से संबंधित ब्योरा भी मांगा गया है। आयोग भविष्य की योजनाएं तैयार करने के लिए इस तरक का विवरण चाहता है। आयोग इस संबंध में सरकार के योजना विभाग के साथ एक नीति तैयार कर रहा है।

प्रदेश के छठे वित्तायोग ने सभी नगर निगमों, नगर परिषदों और नगर पंचायतों को प्रारूप जारी किए हैं। इनमें रिक्त स्थान भरने के लिए कहा गया है। नगर निकायों के पास भूमियों का ब्योरा मांगा गया है। राज्य सरकार की ओर से इन निकायों को दी गई, दान में मिली और खुद क्रय की गई जमीन की जानकारी मांगी है। इन निकायों के स्वामित्व की किसी जमीन पर नाजायज कब्जा तो नहीं है। इसका भी विवरण मांगा गया है। नाजायज कब्जे की बहाली के लिए की गई कार्रवाई के संबंध में भी पूछा गया है।

नगर निकायों के कब्जे में आई स्थायी संपत्ति, दुकानों, मंडियों, पार्कों, विश्राम गृहों, स्टॉलों, संग्रहालयों, लाइब्रेरी, तीर्थ स्थल और उनमें जाने वाले दर्शनार्थियों की संख्या, मेलों से आय आदि की जानकारी भी मांगी गई है। बडे़ वाहनों, छोटी गाड़ियों की सड़कों, पैदल रास्तों, पेयजल योजनाओं, मल निकासी योजनाओं, स्ट्रीट लाइटों, सार्वजनिक शौचालयों, स्वास्थ्य सुविधाओं, विभिन्न करों से आय, वन संपदा, दान, किराये आदि से आय तथा निकायों पर कुल कर्ज, देय ब्याज आदि का विस्तार से ब्योरा मांगा गया है। कर्मचारियों के वेतन पर खर्च और अन्य तमाम तरह की जानकारियां भी चाही हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *