हिमाचल: कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हर्ष महाजन ने थामा भाजपा का दामन

हिमाचल: कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हर्ष महाजन ने थामा भाजपा का दामन

राईट न्यूज / हिमाचल

विधानसभा चुनावों  से पहले भाजपा ने कांग्रेस को एक और झटका दिया है। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हर्ष महाजन ने भाजपा का दामन थाम लिया है। उन्होंने दिल्ली में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि हर्ष महाजन को पार्टी में पूरा मान सम्मान दिया जाएगा। हर्ष महाजन की चंबा से चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही है। वे भाजपा प्रत्याशी के तौर पर चंबा से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं।  हर्ष महाजन 2003-08 तक वीरभद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हैं।

हर्ष महाजन पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खास भरोसेमंद लोगों में शामिल थे। हर्ष महाजन ने वीरभद्र सिंह के नए विधानसभा हलके अर्की का चुनाव प्रबंधन भी देखा था, जब वीरभद्र सिंह को पूरे प्रदेश के चुनाव की कमान संभालनी थी।

हर्ष महाजन वर्ष 1993 से 2007 तक तीन बार चंबा विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे। वर्ष 2007 के बाद से महाजन ने पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वीरभद्र सिंह के चुनावों का जिम्मा संभाला। 1993 में पहली बार विधायक बने महाजन तत्कालीन सरकार में मुख्य संसदीय सचिव रहे। 1998 में प्रदेश कांग्रेस का चीफ व्हीप चुना गया।

2003 में महाजन कैबिनेट मंत्री बने थे। वर्ष 1986 से 1996 तक महाजन प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। 2012 में राज्य सहकारी बैंक का चेयरमैन नियुक्त किया गया। हर्ष महाजन वीरभद्र सिंह के सबसे करीबियों में से एक रहे हैं। कांग्रेस के प्रति निष्ठा को देखते हुए हाईकमान ने उन्हें प्रदेश कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया था।

 क्यू छोड़ी कांग्रेस महाजन ने

बताया जा रहा है कि वीरभद्र सिंह के करीबी रहे हर्ष महाजन से प्रदेश कांग्रेस के संगठन ने दूरी बना ली थी. मौजूदा वक्त में प्रदेश कांग्रेस की कमान वीरभद्र सिंह की पत्नी और मंडी से सांसद प्रतिभा सिंह के हाथ है. बताया जा रहा है संगठन में पूछ ना होने के कारण और कार्यकारी अध्यक्ष होने के बावजूद टिकट वितरण में अनदेखी के बाद उन्होंने ये बड़ा कदम उठाया।

उन्होने कहा अब कांग्रेस दिशाहीन हो रही है। आज कांग्रेस लीडरलेस हो गई है। न विजन है न जमीनी स्तर पर कोई काम हो रहा है। वीरभद्र सिंह के जाने के बाद कुछ भी नहीं रहा। मां-बेटे का राज है। छुटभैया नेता घूम रहे हैं। पार्टी में यह सब होता देख मेरे मन को बहुत ठेस पहुंची।  और बुधवार को कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया। भाजपा अच्छे मार्जिन से रिपीट करेगी।

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