राइट न्यूज हिमाचल
हिमाचल की बेटियों ने एक बार फिर हमारे पहाड़ी राज्य का मान बढ़ाया है। बता दें कि जिला शिमला के रोहड़ू की दो बेटियों ने दिल्ली में 1 से 5 फरवरी तक आयोजित हुए बॉको इंडिया ओपन इंटरनेशनल किक बॉक्सिंग में गोल्ड मेडल अपने नाम किया है। बता दें कि दिल्ली के केडी जाधव इंडोर स्टेडियम में चिढ़गांव क्षेत्र की दो बेटियों ने स्वर्ण पदक हासिल कर क्षेत्र और प्रदेश का नाम रोशन किया।
सनिका ललटवान और दीक्षिता शिलाल ने शुक्रवार को उपायुक्त अनुपम कश्यप से भेंट की और अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और कोच को दिया। डीसी अनुपम कश्यप ने इन दोनों खिलाड़ियों को सम्मानित करते हुए कहा कि खेलों से न केवल शरीर स्वस्थ रहता है, बल्कि रोजगार के अवसर भी प्राप्त होते हैं।
उन्होंने नशे से दूर रहने के लिए खेलों को जीवन का अहम हिस्सा बनाने की अपील की। कश्यप ने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेलों को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं, और सरकारी सेवाओं में भी खिलाड़ियों के लिए आरक्षण की व्यवस्था की गई है। सनिका श्मशेर सिंह की सुपुत्री हैं और चिढ़गांव के संधाड़ी गांव की निवासी हैं।
बता दें कि इन्होंने किक माइन्स 56 किलोग्राम श्रेणी में स्वर्ण पदक जीता है। सनिका ने बताया कि बचपन में चीनी फिल्में देखने का शौक था, जिनमें किक बॉक्सिंग होती थी। इस शौक के चलते उन्होंने 2016 में वुशु खेलना शुरू किया और बाद में ताइक्वांडो और किक बॉक्सिंग में भी प्रशिक्षण लिया। 2023 में उन्होंने खेलो इंडिया में किक बॉक्सिंग में गोल्ड पदक जीता था और इस बार अंतरराष्ट्रीय किक बॉक्सिंग टूर्नामेंट में गोल्ड पदक हासिल किया।
दीक्षिता चिड़गांव के जिसवानी क्षेत्र की रहने वाली है। इन्होंने गाला किक बॉक्सिंग माइनस 60 किलोग्राम श्रेणी में स्वर्ण पदक प्राप्त किया। दीक्षिता ने 2018 में किक बॉक्सिंग शुरू की थी और 2019 में सीनियर नेशनल में गोल्ड हासिल किया। इसके बाद 2022 में उन्होंने सीनियर नेशनल में सिल्वर मैडल जीता। 2023 में उन्होंने खेलो इंडिया में स्वर्ण पदक जीता और 2025 में किक बॉक्सिंग की गाला फाइट में बेल्ट हासिल करने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनीं।
सनिका और दीक्षिता ने चिढ़गांव में हिमालयन वॉरियर मार्शल आर्ट्स एकेडमी खोली है। उनका उद्देश्य अपने क्षेत्र के युवाओं को खेलों से जोड़ना और उन्हें नशे से दूर रखना है। दोनों खिलाड़ी मानती हैं कि उनके क्षेत्र में नशे की समस्या काफी बढ़ चुकी है और युवा पीढ़ी इसकी चपेट में आ रही है। इसलिए उन्होंने इस एकेडमी को शुरू किया ताकि बच्चों को खेलों के प्रति जागरूक किया जा सके और अपने क्षेत्र को नशे से मुक्त बनाया जा सके।