हिमाचल में चलती हुई HRTC बस के खुले टायर, हादसे के वक्त 25 सवारियां कर रही थी सफर

हिमाचल में चलती हुई HRTC बस के खुले टायर, हादसे के वक्त 25 सवारियां कर रही थी सफर

राइट न्यूज हिमाचल

हिमाचल प्रदेश में सरकारी बसों की खस्ता हालत और इसके घाटे की बात शायद ही किसी से छुपी है। आए दिन HRTC की ऐसी ही तस्वीरें देखने को मिल रही हैं, जहां कभी बस खराब हो जाती है तो कभी लोगों को खस्ता हाल पड़ी बसों में सफर करना पड़ता है। आलम ऐसा है कि अब हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों में सफर करना जोखिम भरा हो गया है।

बसों की खस्ताहालत पिछले दिनों भी काफी चर्चा में रही थी- जब आए दिन HRTC बसें दुर्घटनाओं का शिकार हो रही थीं।अब ताजा मामला कुल्लू से सामने आया है। जहां पर रामपुर से आनी जा रही HRTC बस के पिछले दोनों पहिए अचानक अलग हो गए। हादसे के वक्त बस में चालक-परिचालक समेत 25 लोग सावर थे। हादसे के वक्त बस में सवार सभी लोगों में चीख-पुकार मच गई।

मिली जानकारी के अनुसार, यह हादसा कुल्लू के आनी उपमंडल के निमला क्षेत्र में पेश आया है। HRTC रामपुर डिपो की यह बस आज सुबह रामपुर से आनी जा रही थी।इसी दौरान सुबह करीब 9 बजे जैसे ही बस निमला क्षेत्र के पास पहुंची तो अचानक तेज आवाज के साथ बस के पिछले दोनों पहिए बस से अलग हो गए। बस के पहिए खुलते ही बस में सवार सभी लोग घबरा गए और उनमें हड़कंप मच गया।

बस में ड्राइवर-कंडक्टर समेत 25 लोग सवार थे।बस को अनियंत्रित होता देख लोगों ने चिल्लाना शुरू कर दिया। मगर बस ड्रावर ने सतर्कता बरतते हुए बस को नियंत्रित कर सड़क किनारे बस को रोक दिया। इसके बाद सभी लोगों ने राहत की सांस ली। गनीमत रही कि हादसे में कोई जानी-नुकसान नहीं हुआ। बस चालक की सूझबूझ से बड़ा हादसा होते-होते टल गया।वहीं, इस हादसे ने एक बार फिर HRTC बसों की मेंटेनेंस व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

लोगों का कहना है कि HRTC बस की हालत अगर ऐसी ही रही तो कई बड़ा हादसे पेश आ सकते हैं। उनका कहना है कि HRTC की खटारा बसें मौत साथ लेकर घूम रही हैं। अगर बस तेज गति में होती और ड्राइवर बस पर नियंत्रण नहीं पा सकता तो बड़ी अनहोनी हो सकती थी।लोगों ने सुक्खू सरकार के प्रति भी रोष प्रकट किया है। उनका कहना है कि सुक्खू सरकार प्रदेश में विकास का दावा करती है, लेकिन धरातल पर सरकार अपने कामों पर कोई ध्यान नहीं दे रही है।

उन्होंने HRTC प्रशासन से बसों का सही समय पर निरीक्षण करने की मांग की है। साथ ही खटारा और पुरानी बसों को हटाने की मांग की है।विदित रहे कि, हिमाचल प्रदेश में रोडवेज के 52 डीपो संचालित हो रहे हैं- जहां से हर दिन हजारों बसें चलती हैं। मगर कुछ डिपुओं की स्थिति बेहद खराब हैं- जहां पर ना तो बसें समय पर चल रहीं हैं और ना ही यात्री भार मिल रहा है।

लॉन्ग रूट की बसों के हालात देखकर हर कोई हैरान है। लॉन्ग रूट की कई सरकारी बसें हांफती हुई नजर आती हैं। कुछ जगहों पर तो आलम ऐसा है कि बस मोड़ों पर चढ़ ही नहीं पाती है। ऐसी खस्ताहाल बसों के कारण बस में सफर कर रहे लोगों और चालक-परिचालक को भी काफी परेशान होना पड़ता है।

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