राइट न्यूज हिमाचल
दुनिया की कोई भी मां अपनी ममता का सौदा नहीं करती। लेकिन गरीबी भी वह शय है, जो कुछ भी करवा सकती है। कुछ ऐसा ही मामला करनाल में सामने आया। करनाल में सीमा नाम की एक महिला ने दो माह की अपनी बेटी को डीलर्स के माध्यम से हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में एक व्यक्ति को बेच दिया। पूरी डील 1.70 लाख रुपए की हुई।
लेकिन जब सीमा को डील के पूरे पैसे नहीं मिले तो उसने पुलिस को बच्ची के अपहरण और बेचने की शिकायत दर्ज करवाई।हरियाणा पुलिस ने बाल कल्याण समिति के माध्यम से बच्ची को कांगड़ा के ज्वालीमुखी से बरामद कर लिया है। पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि सीमा ने अपनी बेटी को कई बिचौलियों के जरिए इसलिए बेचा, ताकि उसके इलाज और घर खर्च के लिए पैसे जुटाए जा सकें।
सीमा ने शनिवार को पुलिस को शिकायत की कि उसकी बेटी को मुफ्त इलाज करवाने के नाम पर बहला-फुसलाकर एक व्यक्ति और एनजीओ अपने साथ ले गया है। अब वे बच्ची को बेचने की प्लानिंग कर रहे हैं। सीमा ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने बच्ची को एक एनजीओ के माध्यम से खरीदने का लालच दिया गया और सौदेबाजी की।पुलिस की प्रारंभिक जांच में सीमा की भूमिका संदिग्ध लग रही थी।
बाद में बच्ची के खरीदारों ने खुद कबूला कि उन्होंने सीमा से उसकी बेटी को 1.70 लाख रुपये में खरीदा था। पुलिस ने बताया कि करनाल के रामनगर की रहने वाली सीमा ने अपनी बेटी का सौदा पहले 2.20 लाख रुपए में तय किया था, लेकिन बाद में सौदा 1.70 लाख रुपए में तय हुआ। लेकिन सीमा को डील के केवल 95 हजार रुपए ही मिले। पैसे को लेकर इसी विवाद के बाद सीमा ने पुलिस में बच्ची के अपहरण की रिपोर्ट लिखवा दी।सीमा ने पुलिस को बताया कि उसने अपनी बेटी का सौदा गरीबी दूर करने और बच्ची के मुफ्त इलाज के झांसे में आकर किया था।
सीमा ने बताया कि उसे यह बताया गया था कि खरीदार उसकी बेटी का अच्छा इलाज करवाएंगे और उसे खर्चे के लिए पैसा देंगे। पुलिस ने जांच के दौरान यह पाया कि बच्ची के मां-बाप ने वीडियो कॉल के जरिए हिमाचल के लोगों से संपर्क किया था, और बाद में बिचौलियों के जरिए सौदा हुआ। बाद में बिचौलिए पूरी रकम देने से मुकर गए।बच्ची इस समय सीडब्ल्यूसी की सुरक्षा में है। पुलिस ने अब इस मामले की जांच मानव तस्करी के एंगल से शुरू की है।
जांच में यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इस मामले में और कितन लोग शामिल हैं। सीमा ने किन बिचौलियों से संपर्क किया था।