हिमाचल: ताया ने पढ़ाया-लिखाया, चिट्टे के नशे में फंसा तो खुद थाने पहुंचाया; मिली थी अच्छी नौकरी

हिमाचल: ताया ने पढ़ाया-लिखाया, चिट्टे के नशे में फंसा तो खुद थाने पहुंचाया; मिली थी अच्छी नौकरी

राइट न्यूज हिमाचल

हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है जो आपको हैरान कर देगा। दरअसल, भतीजे को नशे के दलदल में फंसा देख ताया पुलिस को सूचना देने से पीछे नहीं हटे। ताकि, भतीजा सुधर सके। वह खुद पंचायत और पुलिस चौकी में पहुंचे।महज सात वर्ष की उम्र में अनाथ होने वाले बच्चे को ताया ने पढ़ाया-लिखाया। आईटीआई पास कर निजी कंपनी में नौकरी लगने ही वाली थी, लेकिन नशे के दलदल में फंस कर चिट्टा तस्कर बन गया।

जिस ताया ने पढ़ा-लिखा कर युवक को इस मुकाम तक पहुंचाया, उसे ही दिल पर पत्थर रखकर शिकायत लेकर पुलिस चौकी पहुंचना पड़ा। मामला हमीरपुर जिले के भोरंज क्षेत्र का है। भतीजे को नशे के दलदल में फंसा देख ताया पुलिस को सूचना देने से पीछे नहीं हटे। ताकि, भतीजा सुधर सके। वह खुद पंचायत और पुलिस चौकी में पहुंचे।वर्ष 2003 में पिता और 2007 में मां की मौत हो गई। दो बहनें और एक भाई अनाथ हो गए, लेकिन ताया के परिवार ने इन्हें संभाला।

दोनों बहनों की शादी हो गई है। ताया बुरे समय में साथ रहे। बच्चा जब नशे में पड़ गया तो हर प्रयास किया। जब कामयाब नहीं हो सके तो थकहार कर पहले पंचायत और फिर पुलिस के पास पहुंचे। एक माह पूर्व ताया भतीजे की खराब हालत को देखकर पुलिस के पास पहुंचे थे और अब चिट्टे की खेप के साथ उसे घर से पकड़ा गया है। इससे पहले 25 वर्षीय यह युवक पंजाब में चिट्टा तस्करी के जुर्म में सजा काट चुका है। सजा काटने के बाद जब वह घर पहुंचा तो एक बार फिर ताया के परिवार और चचेरे भाइयों ने उसकी जिंदगी संवारने का प्रयास किया।

हमीरपुर के शैक्षणिक संस्थान में होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई शुरू करवाई लेकिन युवक पर नशा इस कद्र हावी रहा कि वह सब कुछ छोड़ नशा तस्करी के काले कारोबार में पड़ गया।इस युवक को चिट्टे की लत इतनी गंभीर लगी है कि एक माह में एक लाख रुपये के करीब चिट्टे का सेवन खुद ही कर लेता है। इस नशे की जरूरत को पूरा करने के लिए युवक तस्करी करता है। यही वजह है कि तीसरी दफा चिट्टे की भारी खेप के साथ पकड़ा गया है।

जब पुलिस ने आरोपी को धरा तो यह खुलासा हुआ कि यह हर दिन चिट्टे का सेवन करता है। कई ग्राम चिट्टा एक दिन में सेवन कर लेता है, जिसके लिए वह तस्करी के रास्ते पर चल पड़ा।कई ऐसे आरोपी चिट्टे के साथ दबोचे गए हैं जो कि इस नशे की जरूरत को पूरा करने के लिए तस्करी कर रहे हैं।

नशे की रोकथाम के लिए इन युवाओं को नशे से बाहर निकालना जरूरी है। पुलिस इसके लिए काउंसलिंग और अन्य प्रयास भी कर रही है

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