पटवार सर्किल बंद, आज से पैन डाउन स्ट्राइक कर तहसीलों में बैठेंगे पटवारी और कानूनगो

पटवार सर्किल बंद, आज से पैन डाउन स्ट्राइक कर तहसीलों में बैठेंगे पटवारी और कानूनगो

राईट न्यूज हिमाचल

प्रदेश में कानूनगो और पटवारी शुक्रवार से पैन डाउन स्ट्राइक पर रहेंगे। ऐसे में लोगों को न तो प्रमाण पत्र मिलेंगे, न ही जमीनों की रजिस्ट्री और इंतकाल होंगे। पटवारी और कानूनगो पटवार सर्किल बंद कर तहसीलों में बैठेंगे। यहां पर वे सिर्फ आपदा से संबंधित काम करेंगे, अन्य सेवाएं बंद रहेंगी।

यह कर्मचारी व अधिकारी जिला से स्टेट कैडर के निर्णय को वापस लेने और राजस्व विभाग के अधिकारियों के भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में संशोधन, पटवार सर्किल में कंप्यूटर, शौचालय की व्यवस्था आदि की मांग कर रहे हैं। हालांकि प्रदेश सरकार ने इनकी मांगों को लेकर कमेटी गठित की है। कमेटी ने रिपोर्ट सरकार को भेज दी है। अब प्रदेश सरकार को इस पर निर्णय लेना है।

बताया जा रहा है कि राजस्व विभाग के अधिकारियों के भर्ती एवं पदोन्नति कोटे को बढ़ाया जा रहा है। नाराज पटवारी और कानूनगो सामूहिक अवकाश पर हैं। 28 से मुहाल पटवारी और कानूनगो हड़ताल पर जा रहे हैं। इसके पैन डाउन स्ट्राइक पर जाने से लोगों के हिमाचली प्रमाणपत्र, आय प्रमाणपत्र, कृषक प्रमाणपत्र और ईडब्लूएस सहित जमीनों की रजिस्ट्रियां, इंतकाल और ऋण संबंधी कार्य प्रभावित होंगे।

इन्होंने ऑनलाइन काम बंद कर दिया है। इससे प्रदेश के जनता रोजाना परेशान हो रही है। महासंघ ने यह भी चेतावनी दी है कि पटवारी और कानूनगो अतिरिक्त कार्यभार देख रहे सर्किल की चाबियां तहसीलदार को सौंप देंगे। महासंघ के अध्यक्ष सतीश चौधरी ने कहा है कि शुक्रवार से पैन डाउन हड़ताल की जा रही है।

सभी काम बंद होंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार पटवारी कानूनगो की मांगे पर विचार नहीं कर रही है।राजस्व अधिकारी संघ ने किया पटवार कानूनगो संघ की मांगों का समर्थन हिमाचल प्रदेश राजस्व अधिकारी संघ ने पटवारी और कानूनगो संघ की मांगों का समर्थन किया है। संघ के अध्यक्ष नारायण सिंह वर्मा एवं महासचिव विपिन वर्मा ने कहा कि पटवारी और कानूनगो संघ की मांगें न्यायसंगत हैं।

सरकार को इन पर शीघ्र निर्णय लेना चाहिए। सरकार के साथ हुए समझौतों के अनुरूप उप-समिति का गठन किया गया था, जिसने अपनी सिफारिशें सरकार को प्रस्तुत कर दी हैं। अब सरकार को चाहिए कि वह इन सिफारिशों को स्वीकार कर राजस्व कर्मचारियों की मांगों को पूरा करें। उन्होंने कहा कि पटवारी और कानूनगो पर भूमि रिकॉर्ड का रखरखाव, सीमांकन, राजस्व संग्रह और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

इसके अतिरिक्त, राजस्व विभाग द्वारा जमाबंदी अद्यतन, इंतकाल, सीमांकन, विभाजन, गिरदावरी, भूमि अधिग्रहण कार्य, भूमि राजस्व वसूली,अदालतों से संबंधित मामले, अतिक्रमण निपटान, सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में सहयोग, प्रबंधन, राहत मामलों की तैयारी, क्षति का मूल्यांकन एवं सूक्ष्म सिंचाई जनगणना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का क्रियान्वयन, प्रक्रिया में सहयोग, बीपीएल सत्यापन, विभिन्न प्रमाणपत्रों की प्रमाणिकता सुनिश्चित करना, आरएमएस पोर्टल प्रबंधन, नक्शा तसदीक, नकल जमाबंदी, आरटीआई मामलों का निपटान, विभिन्न सरकारी विभागों के साथ समन्वय, सीएम हेल्पलाइन के तहत शिकायतों का निवारण का काम रहता है।

संघ ने सरकार को याद दिलाया कि कर्मचारियों की समस्याओं को हल करने के लिए पूर्व में किए गए समझौतों को तत्काल लागू किया जाना चाहिए। सरकार द्वारा गठित उप-समिति की सिफारिशों को शीघ्र लागू करना आवश्यक है ताकि कर्मचारियों में असंतोष न बढ़े और वे अपने कार्यों को सुचारु रूप से कर सकें। प्रमुख मांगों में पदोन्नति प्रक्रिया को शीघ्र पूर्ण करना, वेतनमान में संशोधन, अतिरिक्त कार्यभार हेतु विशेष भत्तों का प्रावधान और कार्यस्थल पर सुविधाओं का विस्तार प्रमुख रूप से शामिल है।

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