राईट न्यूज / हिमाचल... जम्मू के अखनूर क्षेत्र के टांडा में तैनात हमीरपुर निवासी अग्निवीर निखिल की मौत से माता-पिता सदमे में हैं। बीमार मां आशा देवी का रो-रो कर बुरा हाल है। पिछले 24 घंटे से मां के गले से अन्न एक दाना भी नहीं उतरा। पिता दलेर सिंह टैक्सी चालक हैं। वह बेटे की मौत पर यकीन नहीं कर पा रहे हैं। उनका कहना है कि बेटा बचपन से ही सेना में जाने का सपना देखता था और उसके पास एनसीसी का सी सर्टिफिकेट भी है। माता-पिता का कहना है कि गांव में हर किसी का लाडला निखिल आत्महत्या जैसा कदम कभी उठा नहीं सकता। अंतिम बार मंगलवार रात 9:00 के करीब पिता से निखिल की बात हुई थी।
22 वर्षीय निखिल 6 महीने पहले ही घर पर आए थे और अब रक्षाबंधन को घर आने की योजना थी। जब पिता से मंगलवार रात को बात हुई तो निखिल ने 15 दिन की छुट्टी पर आने की बात कही थी। नगर परिषद हमीरपुर के वार्ड नंबर 11 के पार्षद वकील सिंह ने कहा कि निखिल हंसमुख और मिलनसार था। वह कभी आत्महत्या जैसा कदम नहीं उठा सकता। अभी तक परिजनों को मौत के कारण सेना की ओर से नहीं बताए गए हैं। निखिल का बड़ा भाई अजय सेना में सेवा दे चुका है, जबकि दूसरा बड़ा भाई अखिल बद्दी में कंपनी में नौकरी करता है। निखिल की मां लंबे समय से बीमारी से जूझ रही है। पिता दलेर सिंह का कहना है कि बुधवार को पहले उन्हें चोट लगने की जानकारी सेना की तरफ से दी गई। कुछ घंटे के बाद उन्हें पता चला कि बेटे को गोली लगी है।
सेना की तरफ से मौत के कारण के बारे में अभी कुछ नहीं बताया गया है। उन्होंने कहा कि बेटे से मंगलवार रात को 9:00 बजे के करीब बात हुई थी। बेटे ने रक्षाबंधन के नजदीक 15 दिन की छुट्टी घर आने की बात कही थी। करीब 5 मिनट तक हुई बात में अखिल ने अपनी मां और गांव वालों के बारे में पूछा कि सब कैसे हैं। उन्होंने कहा कि उनका बेटा कभी आत्महत्या जैसा कदम उठा ही नहीं सकता है। सेना की तरफ से पार्थिव देह को वीरवार को लाने की बात कही गई थी, लेकिन अब शुक्रवार को सुबह के समय ही बेटे की पार्थिव देह घर पहुंचने की जानकारी दी गई है। अंतिम बार जब बेटे से बात हुई तो उसने कहा कि पापा मेरी देखभाल के लिए सेना और मेरे साथी हैं, आप मां और अपना ध्यान रखिये।