राईट न्यूज / पांवटा साहिब
उत्तराखंड के हरिद्वार हरकी पैड़ी जा रही सिख संगत को पुलिस-प्रशासन ने कुल्हाल बॉर्डर पर उत्तराखंड में प्रवेश करने से रोक दिया। करीब आधा घंटे तक संगत का नेतृत्व कर रहे ऑल इंडिया सिख फेडरेशन के अध्यक्ष गुरचरण सिंह बब्बर की प्रशासन व पुलिस अधिकारियों से बहस होती रही। अंत में उत्तराखंड पुलिस-प्र्रशासन ने जत्थे में शामिल करीब 12 लोगों को समझा बुझाकर लौटा दिया। बता दें कि ऑल इंडिया सिख फेडरेशन के अध्यक्ष गुरचरण सिंह बब्बर के नेतृत्व में चल रही ज्ञान गोदड़ी यात्रा दोपहर के समय हिमाचल के पांवटा साहिब से उत्तराखंड के कुल्हाल बॉर्डर पर पहुंची। रविवार को ही यात्रा के आने की सूचना उत्तराखंड खुफिया विभाग को मिली थी। इसके चलते हिमाचल राज्य सीमा कुल्हाल बैरियर पर सुरक्षा व्यवस्था के व्यापक इंतजाम किए गए थे।
पुलिस बल ने यात्रा में शामिल लोगों को यमुना नदी के पुल पर ही रोक लिया। काफी देर तक उत्तराखंड में प्रवेश करने को लेकर बहस चलती रही। ज्ञान गोदड़ी यात्रा का नेतृत्व कर रहे गुरचरण सिंह बब्बर ने कहा कि ज्ञान गोदड़ी गुरुद्वारे की जमीन संगत को सौंपी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मामले में उनके माध्यम से लगातार प्रदेश सरकार से बात की जाती रही है, लेकिन सरकार से उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिलते रहे हैं। उन्होंने कहा कि संगत शांतिपूर्ण ढंग से हरिद्वार जाकर गुरद्वारे की जमीन पर मत्था टेकना चाहती है, लेकिन सरकार हर साल उन्हें प्रदेश से बाहर ही रोक लेती है।
सोमवार को भी गुरुपर्व पर उत्तराखंड पुलिस-प्रशासन टीम ने दिल्ली से हरिद्वार जाने के लिए वाया पांवटा साहिब निकले सिख समुदाय के एक जत्थे को उत्तराखंड के कुल्हाल बॉर्डर पर ही रोक लिया। उत्तराखंड के विकासनगर के एसडीएम विनोद कुमार ने कहा कि जत्थे की मांगों को सरकार तक पहुंचाने का भरोसा दिलाया गया है। इस पर जत्थे में शामिल लोग पांवटा साहिब की तरफ लौट गए। इस मौके पर उतराखंड पुलिस के सीओ भास्कर शाह, कोतवाली प्रभारी सूर्य भूषण नेगी, थाना प्रभारी सहसपुर गिरीश नेगी, वरिष्ठ उपनिरीक्षक भुवन चंद पुजारी समेत आसपास के थानों का पुलिस जवान मौजूद रहे।
क्या है विवाद
बता दें कि धार्मिक स्थल ज्ञान गोदड़ी विवाद काफी पुराना है। जिसमें वर्ष 2009 से हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के दिन ऑल इंडिया सिख फेडरेशन के अध्यक्ष गुरु चरण सिंह बब्बर के नेतृत्व में जत्था पहुंंचता है। इनका कहना है कि गुरुपर्व पर हरिद्वार पहुंंच कर कार्तिक पूर्णिमा के दिन अपने पौराणिक ज्ञान गोदड़ी गुरुद्वारा स्थल में अरदास करना चाहते हैं। वह दावा करते रहे हैं कि हरकी पैड़ी पर श्री गुरु नानक देव जी का साढ़े चार सौ साल से पुराना गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी रहा है, जो 1978 में घाटों के सौंदर्यीकरण के दौरान ये हटाया गया था। इसी स्थल के लिए हर वर्ष ज्ञान गोदड़ी यात्रा को समर्थक सहित निकलते हैं, लेकिन यात्रा के उत्तराखंड में प्रवेश करते ही कुल्हाल बैरियर रोक लिया जाता है।