वर्षों की परंपरा आज भी कायम, गुरुद्वारा पावँटा साहिब में पूर्णिमा पर सजा कवि दरबार

वर्षों की परंपरा आज भी कायम, गुरुद्वारा पावँटा साहिब में पूर्णिमा पर सजा कवि दरबार

राईट न्यूज / पावंटा साहिब

ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री पांवटा साहिब में करीब 350 वर्षों से भी ज्यादा पुरानी परंपरा को आज भी निभाया जा रहा है। गुरुद्वारा साहिब में गुरु गोबिंद सिंह साहिब महाराज जी द्वारा शुरू की गई कवि दरबार सजाने की परंपरा को गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने आज भी संजोया है। गुरुद्वारा कमेटी पांवटा साहिब के प्रबंधक जगीर सिंह ने बताया कि कोविड महामारी के चलते धीमी हुई कवि दरबार की गति ने आज एक बार फिर रफ्तार पकड़ी है। कोविड-19 महामारी के चलते बंद हुए हिमाचल बॉर्डर के बावजूद स्थानीय कवियों ने सूक्ष्म रूप से यह परंपरा निभाई लेकिन अब पूरी तरह से लॉकडाऊन खुलने के बाद करीब 8 माह बाद पूर्व की भांति कवि दरबार सजाया गया, जिसमें बाहरी राज्यों से पहुंचे कवियों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कर गुरु गोबिंद सिंह साहिब महाराज की महिमा का गुणगान किया।

गुरु गोबिंद सिंह महाराज ने शुरू किया था कवि दरबार

गुरु की नगरी पांवटा साहिब में सिखों के 10वें गुरु गुरु गोबिंद सिंह साहिब महाराज द्वारा कवि दरबार की परंपरा शुरू की गई थी। करीब 350 साल पहले पांवटा साहिब गुरुद्वारा में ही कवि दरबार शुरू किया गया था। गुरु गोबिंद सिंह जी पूर्णिमा पर अपने 52 कवियों के साथ कवि दरबार सजाते थे जो परम्परा आज भी कायम है। इस बार बड़ी संख्या में कवि इस कवि दरबार में पहुंचे और अपनी-अपनी भाषाओं में यहां अपनी कविताएं सुनाईं।

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