आय से अधिक संपत्ति मामले में असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर निशांत सरीन को ईडी ने किया गिरफ्तार

आय से अधिक संपत्ति मामले में असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर निशांत सरीन को ईडी ने किया गिरफ्तार

प्रवर्तन निदेशालय ने स्वास्थ्य सुरक्षा एवं विनियमन विभाग के असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर निशांत सरीन को गिरफ्तार कर लिया है। निशांत सरीन के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया गया है। मामले में प्रवर्तन निदेशालय शिमला विंग ने सरीन को पूछताछ के लिए तलब किया था। गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार को सरीन को ईडी के विशेष कोर्ट में पेश किया गया। बता दें, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) चंडीगढ़ जोन ने इस साल जून में निशांत सरीन, उनके परिवार के सदस्यों और सहयोगियों के हरियाणा और पंजाब में स्थित सात आवासीय, वाणिज्यिक परिसरों और सरकारी कार्यालयों में तलाशी अभियान चलाया था।

यह तलाशी सरीन के सहायक औषधि नियंत्रक बद्दी के रूप में तैनात रहते हुए व्यक्तिगत लाभ और भ्रष्टाचार और रिश्वत के लिए आधिकारिक पद का दुरुपयोग करने से संबंधित एक मामले की गई। ईडी की तलाशी कार्रवाई के दौरान महत्वपूर्ण दवा लाइसेंस, फार्मास्युटिकल कंपनियों को जारी किए क्लीयरेंस, संपत्ति के दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जैसे मोबाइल फोन, लैपटॉप, पैन ड्राइव भी जब्त किए गए। तलाशी कार्रवाई के दौरान निशांत सरीन और उनके परिवार के सदस्यों के लगभग 32 लाख रुपये मूल्य के दो वाहन, 40 से अधिक बैंक खाते/एफडीआर और तीन लॉकर फ्रीज किए गए। इसके अलावा, ईडी ने सरीन के चंडीगढ़ स्थित ओमक्स कैसिया आवास से 60 से अधिक बिना रिकाॅर्ड की शराब की बोतलें भी बरामद की थीं।

विजिलेंस ब्यूरो ने निशांत सरीन के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया है। विजिलेंस यह कार्रवाई वर्ष एफआईआर की आंशिक जांच के बाद की । इसमें फार्मा कंपनियों से अनुचित लाभ लेने के आरोप लगे थे। जांच में सामने आया कि निशांत सरीन ने 1 अप्रैल 2002 से 21 अगस्त 2019 तक की जांच अवधि में अपने ज्ञात आय स्रोतों से 53.70% अधिक मूल्य की संपत्ति अर्जित की। कुल संपत्ति का मूल्य 2,50,19,322 पाया गया, जिसमें से 1,66,05,470 आय से अधिक मानी गई। विजिलेंस जांच में सामने आया है कि निशांत सरीन की अपने नाम पर मार्च 2004 में 3,10,000 में पंथाघाटी में प्लॉट खरीदकर चार मंजिला इमारत का निर्माण किया।

इसका मूल्य 51,15,005 रुपये आंका गया है। बिलासपुर के डियारा में पैतृक घर का नवीनीकरण करवाया। इसका मूल्य 44,22,406 रुपये आंका गया है। इसके अलावा होंडा स्कूटर, सेकेंड हैंड वैगनआर कार, तीन लाख रुपये की विदेशी शराब का स्टॉक, बैंक और पोस्ट ऑफिस खातों में करीब 22,19,601 की राशि, 16,66,090 रुपये का फिक्स्ड डिपॉजिट भी पाया गया है। घर में छापेमारी के दौरान 7,50,000 नकद भी बरामद किए गए थे।

वहीं पत्नी के नाम पर हमीरपुर में प्लॉट और चंडीगढ़ के सेक्टर 38-डी में फ्लैट का कुल मूल्य 64,02,000), क्रेटा कार 14,49,086, बैंक और पोस्ट ऑफिस में कुल 18,92,634 (बच्चों के खातों समेत) पाए गए हैं। इसके अलावा घरेलू सामान की कीमत 2,98,500 रुपये आंकी गई है। जांच में सामने आया है कि वर्ष 2019 के बाद भी निशांत सरीन ने ओमैक्स चंडीगढ़ समेत कई संपत्तियां खरीदी हैं। इसको लेकर आगामी जांच में गहनता से छानबीन की जाएगी। तथ्यों के आधार पर विजिलेंस ने निशांत सरीन के खिलाफ शिमला थाने में मामला दर्ज किया गया है।

सरीन पर फार्मा कंपनियों के पैसे से हवाई सैर और फाइव स्टार होटलों में ठहरने के लगे थे आरोप
सहायक ड्रग कंट्रोलर निशांत सरीन पर फार्मा कंपनियों के पैसे से हवाई सैर और फाइव स्टार होटलों में ठहरने के आरोप लगे थे। जांच के दौरान विजिलेंस को इसे लेकर पुख्ता सबूत भी मिले थे। विजिलेंस ने इसे लेकर चार्जशीट तैयार कर कोर्ट में भी दाखिल की थी।

सरकार के निर्देश पर भ्रष्टाचार के खिलाफ दर्ज मामलों की जांच में विजिलेंस ने चार्जशीट सोलन की एक कोर्ट में दाखिल की थी। जांच में पाया गया कि आरोपित अधिकारी फार्मा कंपनियों के पैसे पर हवाई सैर करता था। जिन होटलों में वह ठहरता था, उनकी बुकिंग फार्मा कंपनियों ने करवाई और कमरों का किराया भी कंपनियों ने अपने बैंक खातों से चुकाया था। जांच में पाया गया था कि आरोपित अधिकारी फार्मा कंपनियों के पैसे से हवाई यात्रा करता और होटलों की बुकिंग भी कंपनियों ने करवाई। आने-जाने की फ्लाइट टिकटें भी फार्मा कंपनियों बुक करवाती थीं। निशांत दिल्ली, हैदराबाद, मुंबई व विशाखापट्टनम आदि शहरों में कंपनियों के खर्च पर घूमने गया था। उसने कंपनियों से कई महंगे तोहफे भी लिए थे। वह एक फार्मा कंपनी का दिया महंगा मोबाइल फोन इस्तेमाल कर रहा था। जांच के दौरान कंपनियों के अधिकारियों व कर्मचारियों से भी पूछताछ की गई थी। केस दर्ज होने के बाद सरकार ने उसे सस्पेंड कर दिया था।

हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा था, संवेदनशील पद पर क्यों लगाया
हिमाचल हाईकोर्ट ने सहायक ड्रग कंट्रोलर निशांत सरीन को धर्मशाला में पोस्टिंग देने पर सवाल उठाए थे। कोर्ट में दायर जनहित याचिका में आरोप लगाए हैं कि कैसे एक अधिकारी को संवेदनशील पद पर तैनात किया गया, जिस पर पहले ही रिश्वत लेने, भ्रष्टाचार और गंभीर आपराधिक आरोप हैं। याचिका में बताया कि निशांत को सबसे पहले 4 सितंबर 2019 को निलंबित किया था।

सरीन ने दी थी सफाई, कहा था एक उद्योगपति फंसा रहा मुझे
सहायक ड्रग कंट्रोलर निशांत सरीन अपनी सफाई में कह चुका है कि एक उद्योगपति मेरे खिलाफ साजिश रच रहा है। मेरे पास काेई अवैध संपत्ति नहीं है। मैं अच्छे परिवार से हूं। मेरी महीने की इनकम करीब पांच लाख है। मेरे पास कोई लग्जरी गाड़ी नहीं है। मेरे दो ही अकाउंट है, बाकी मेरे परिवार के अकाउंट हैं। मेरे खिलाफ मीडिया ट्रायल चला हुआ है। मेरी फार्मा कंपनी में कोई इन्वेस्टमेंट नहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *