राईट न्यूज / हिमाचल
मेडिकल कॉलेजों में तैनात विशेषज्ञ डॉक्टरों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ये फील्ड में तैनात विशेषज्ञ डॉक्टरों की तर्ज पर अकादमिक भत्ते की मांग कर रहे हैं। सरकार की ओर से मांग न मानी जाने पर इन डॉक्टरों ने चार अक्तूबर को सामूहिक अवकाश पर जाने का फैसला लिया है। कॉलेजों के प्रधानाचार्यों को इसकी सूचना दे दी गई है।
डॉक्टरों के सामूहिक अवकाश पर जाने से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होंगी, जिससे मरीजों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। प्रदेश में छह मेडिकल कॉलेज हैं। इनमें आईजीएमसी शिमला, नाहन, टांडा, नेरचौक, चंबा और हमीरपुर कॉलेज शामिल हैं। सभी मेडिकल कॉलेजों में तैनात विशेषज्ञ डॉक्टर सामूहिक अवकाश पर रहेंगे।
स्टेट मेडिकल और डेंटल कॉलेज अध्यापन एसोसिएशन (सेमडिकोट) के अध्यक्ष डॉ. राजेश सूद ने बताया कि हिमाचल में मेडिकल कॉलेजों में तैनात विशेषज्ञ डॉक्टरों की संख्या 500 से ज्यादा है। डॉक्टरों ने इसकी सूचना मेडिकल कॉलेजों के प्रधानाचार्यों को दे दी है। इन डॉक्टरों ने बीते शनिवार को भी काले बिल्ले लगाकर काम किया था।
सरकार ने बनाई थी कमेटी
इससे पहले भी डॉक्टर सामूहिक हड़ताल पर चले गए थे। ऐसे में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, प्रधान सचिव स्वास्थ्य के साथ विधानसभा में बैठक हुई थी। इसमें सरकार ने कमेटी का गठन किया था। लेकिन अकादमिक भत्ता अभी तक नहीं दिया गया है। सेमडिकोट के अध्यक्ष डॉ. राजेश सूद ने बताया कि सरकार ने फील्ड में तैनात विशेषज्ञ डॉक्टरों का अकादमिक भत्ता 7,500 से 18,000 रुपये किया है।
लेकिन मेडिकल कॉलेजों में सेवाएं दे रहे विशेषज्ञों को इससे दूर रखा गया है। जब फील्ड का डॉक्टर मेडिकल कॉलेज में सेवाएं देने आएगा तो उसे यह भत्ता नहीं मिलेगा। ऐसे में उक्त डॉक्टरों का मासिक वेतन कम होगा। इसके साथ ही डॉक्टरों की रेगुलर टाइम बाउंड प्रमोशन की भी मांग है।