दून-दिल्ली एक्सप्रेस-वे न केवल सफर आसान करेगा, बल्कि वन क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क भी नहीं टूटेगा। इसका काम अब अंतिम चरण में है। डाटकाली से गणेशपुर तक 12 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड सेक्शन की छह लेन को ट्रैफिक के लिए खोल दिया गया है। अब कभी भी इसके उद्घाटन की तारीख की घोषणा हो सकती है।
करीब 13 हजार करोड़ रुपए की लागत की यह परियोजना चार चरणों में तैयार की जा रही है। इसके तहत पहले चरण में अक्षरधाम से ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे, दूसरे चरण में ईस्टर्न पेरिफेरल से सहारनपुर बाईपास, तीसरे चरण में सहारनपुर बाईपास से गणेशपुर और अंतिम तरण में गणेशपुर से आशारोड़ी तक इसका निर्माण शामिल है।
बरसाती नदी के ऊपर बने 12 किमी लंबे एलिवेटेड सेक्शन पर अब छह लेन में ट्रैफिक चल रहा है। जबकि बरसात में पहले तीन लेन खोली गई थी। इस परियोजना का काम अंतिम चरण में है और पीएम नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन कर सकते हैं।
दिल्ली-दून का सफर ढाई घंटे में पूरा
इस एक्सप्रेस-वे पर छोटे वाहन 100 किमी प्रतिघंटा और भारी वाहन 80 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ पाएंगे। मौजूदा 250 किमी की दूरी घटना 210 किमी रह जाएगी। इससे देहरादून टू दिल्ली का सफर जहां 5 से 6 घंटे में पूरा होता था, इस एक्सप्रेस-वे से ढाई घंटे में पूरा हो जाएगा।
एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पंकज मौर्य ने बताया कि आशारोड़ी से गणेशपुर तक का काम पूरा हो गया है। केवल कुछ छोटे काम बाकी हैं। डाटकाली मंदिर के कनेक्शन का काम भी 90 फीसदी पूरा है। अगले एक महीने यह परियोजना तैयार हो जाएगी। उद्घाटन की तारीफ अभी तय नहीं है।

