राईट न्यूज / शिमला
आंदोलन का सीधा असर माल भाड़े पर भी नजर आने लगा है। दिल्ली से शिमला तक माल ढुलाई की दरें 40 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ गई हैं। पहले दिल्ली से शिमला तक 160 रुपये प्रति क्विंटल भाड़े की दरें थीं। अब यह बढ़कर 200 रुपये प्रति क्विंटल हो गई हैं। ऐसे में इस महंगाई का असर अब आम लोगों पर पड़ने लगा है। गंज बाजार होलसेल एसोसिएशन के अध्यक्ष कमलेश गुप्ता के मुताबिक किसान आंदोलन का असर ट्रांसपोर्ट पर पड़ा है। माल ढुलाई के दाम चालीस रुपये प्रति क्विंटल बढ़ गए हैं।
किसान आंदोलन से उद्योगों में उत्पादन ठप, करोड़ों का नुकसान
कृषि कानूनों को रद्द कराने की मांग को लेकर सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन से हिमाचल के उद्योग बेपटरी होने लगे हैं। यहां के अधिकांश उद्योगों में उत्पादन ठप हो गया है। कच्चा माल नहीं पहुंचने, तैयार माल फैक्ट्रियों में अटकने से हर दिन करोड़ों का नुकसान हो रहा है। कुछ और दिन ऐसे ही हालात रहे तो कुछ यूनिटों पर ताला लगाने की नौबत आ जाएगी। उद्योगों का माल लाने और ले जाने वाले ट्रकों पर भी आंदोलन की मार पड़ रही है।
दिल्ली सबसे बड़ी मार्केट
सीआईआई के हिमाचल प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष शैलेष अग्रवाल ने बताया कि बीबीएन में तैयार होने वाले उत्पाद की दिल्ली सबसे बड़ी मार्केट है। करोड़ों रुपये का तैयार माल दिल्ली जाता था। वर्तमान में दिल्ली से न तो कोई माल बाहर निकल रहा है और न ही कोई नया माल तैयार हो रहा है। इसका सीधा असर बीबीएन औद्योगिक क्षेत्र पर पड़ा है। दिल्ली का माल जिन उद्योगों ने तैयार किया है, वह बंद के चलते न तो भेज पा रहे हैं और न ही नया ऑर्डर मिल पा रहा है। इससे उद्योगों में मंदी छाई हुई है।