जोशीमठ जैसी आपदाओं की पूर्व सूचना के लिए विकसित होगी नई तकनीक, मुख्यमंत्री ने दिए ये निर्देश

जोशीमठ जैसी आपदाओं की पूर्व सूचना के लिए विकसित होगी नई तकनीक, मुख्यमंत्री ने दिए ये निर्देश

राईट न्यूज / हिमाचल

हिमाचल प्रदेश अपने प्राकृतिक सौंदर्य बर्फ से ढके हिमालय और नयनाभिराम दृश्यावलियों के लिए जाना जाता है जो हर वर्ष लाखों घरेलू और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। लेकिन यहां भूस्खलन, बादल फटने और अचानक बाढ़ व अन्य प्राकृतिक आपदाओं के संभावित खतरे भी लगातार बने रहते हैं।

उत्तराखंड में जोशीमठ के धंसाव की हालिया घटना का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य सरकार के अधिकारियों को आपदा प्रबंधन प्रतिक्रिया क्षमता प्रणाली में सुधार के लिए एक अग्रिम चेतावनी प्रणाली विकसित करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने राज्य आपदा प्रतिक्रिया निधि के माध्यम से राज्य विद्युत बोर्ड को दी जा रही सहायता को बढ़ाने और राज्य आपदा राहत नियमावली में आवश्यक संशोधन करने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने नई और उन्नत तकनीक के माध्यम से ग्लेशियरों का उचित मानचित्रण और भूकंप की अधिक संभावना वाले क्षेत्रों का अध्ययन करने के लिए भी कहा है।

प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री के इस निर्णय से भूकंप संभावित क्षेत्रों की पहचान करने में सहायता मिलेगी और भूस्खलन एवं धंसाव वाले क्षेत्रों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने में भी यह मददगार साबित होगी।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने राज्य में संस्थागत और व्यक्तिगत स्तर पर तैयारियों के अलावा प्रतिक्रिया और जागरूकता प्रणाली को मजबूत करने की आवश्यकता पर भी बल दिया है।

प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार के इस निर्णय से आपदाओं के मामले में अग्रिम चेतावनी की तकनीक विकसित करने और आपदाओं से होने वाले नुकसान को कम करने में सहायता मिलेगी।

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