सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा है कि पूर्व की जयराम सरकार के समय 50 से 100 करोड़ रुपये का खनन घोटाला हुआ है। सुक्खू ने कहा कि वह इसे घोटाला ही कहेंगे, क्योंकि ब्यास बेसिन पर 63 स्टोन क्रशर बगैर अनुमति के ही चलते रहे। अभी तो ब्यास बेसिन के तहत आने वाले चार जिलों में जांच हुई है। अब पूरे प्रदेश के क्रशरों की भी छानबीन होगी कि वह मान्य लीज के साथ चल रहे हैं या नहीं। सीएम ने दो टूक कहा है कि अगर खनन किया तो इसकी रॉयल्टी जमा करवानी होगी, चाहे वे फैक्टरी वाले हों या फिर अन्य स्टोन क्रशर मालिक। कई जगह जेनरेटर सेट से बजरी क्रश हो रही थी तो इसकी रॉयल्टी सरकार को नहीं मिल पाई, जाे बिजली से खनन पर मिलती है। इससे सरकार के राजस्व को नुकसान हुआ।
सोमवार को सरकारी निवास ओकओवर शिमला में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में सुक्खू ने कहा कि जेनरेटर सेट पर कोई स्टोन क्रशर न चलाए। अगर किसी ने ऐसा किया तो इस पर सरकार जुर्माना लगाएगी। अभी तो यह पता करना है कि प्रदेश के और इलाकों में जहां लीज ही नहीं है, वहां फिर भी क्रशर चल रहे हैं तो उन्हें जांचा जाए। इस बारे में उन्होंने उद्योग मंत्री से चर्चा की है। हाई पॉवर कमेटी ने पाया है कि ब्यास बेसिन में 131 के करीब स्टोन क्रशर हैं। कुल्लू, मंडी, हमीरपुर और कांगड़ा जिलों में यह स्टोन क्रशर लगे हैं। तीन स्टोन क्रशर ऐसे थे, जो नहीं चल रहे थे। जब कमेटी ने हर क्रशर पर जाकर देखा तो पाया कि 63 स्टोन क्रशर के पास मान्य लीज ही नहीं है। किस प्रकार पिछली सरकार ने आंखें मूंदें रखी थीं, यह बात भी सामने आई। इस बारे में विभाग को जांच करने को भी कहा है। रिपोर्ट उद्योग मंत्री को भेजी गई है, उनको कहा गया है कि जिनके पास माइनिंग लीज है, उन क्रशरों को खोल दिया जाए।