ट्रक ऑपरेटर 10.20 रुपये मालभाड़ा लेने को तैयार, मशाल जुलूस निकाल किया प्रदर्शन :Cement Plant Dispute

ट्रक ऑपरेटर 10.20 रुपये मालभाड़ा लेने को तैयार, मशाल जुलूस निकाल किया प्रदर्शन :Cement Plant Dispute

राईट न्यूज / हिमाचल

बरमाणा जिला ट्रक सभा (बीडीटीएस) और सोलन जिला ट्रांसपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन सीमेंट ढुलाई मालभाड़ा प्रति टन 10.20 रुपये प्रति किलोमीटर लेने के लिए तैयार हो गए हैं। उधर, दाड़लाघाट में लगातार दूसरे दिन भी ट्रक ऑपरेटरों की संघर्ष समिति ने अदाणी कंपनी के खिलाफ शाम को मशाल जुलूस निकाल कर प्रदर्शन किया अदानी ग्रुप, केंद्र की मोदी सरकार, सुक्खू सरकार के खिलाफ नारेबाजी की उससे पहले 20 सदस्यों ने थाने में जाकर गिरफ्तारियां दीं। बस अड्डे पर ऑपरेटरों ने 20 मिनट तक चक्का जाम किया और मोदी सुक्खू तुम्हारे राज में अंधेरा है अंधेरा है, अदाणी गो बैक, भर देंगे-भर देंगे, सारी जेलें भरे देंगे, हक मिलेगा काम करेंगे, नहीं तो चक्का जाम करेंगे जैसे नारे लगाए। गौर हो कि बुधवार को शिमला सचिवालय में बीडीटीएस के सदस्यों के साथ सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने दो दौर की वार्ता की थी और ऑपरेटरों से सीमेंट ढुलाई के रेट मांगे थे। गुरुवार को बीडीटीएस 1.21 रुपये कम कर 10.20 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से मालभाड़ा लेने के लिए तैयार हो गई है। बरमाणा में हुए जनरल हाउस में इस पर सहमति बनी है। अब बीडीटीएस पदाधिकारियों की शुक्रवार को मुख्यमंत्री के साथ बैठक होगी। वर्तमान में बीडीटीएस 11.41 रुपये मालभाड़ा ले रही थी।

दूसरी ओर सोलन जिला ट्रांसपोर्ट आर्गेनाइजेशन के उपाध्यक्ष नरेश गुप्ता ने कहा कि जो रेट बीडीटीएस तय करेगी, हमें भी वही यानी 10.20 रुपये मालभाड़ा मंजूर होगा। नरेश गुप्ता ने बताया कि अभी वे 10.58 रुपये मालभाड़ा ले रहे थे। 10.20 रुपये मालभाड़ा करने पर उन्हें 38 पैसे कम करने पड़ेंगे। उधर, बीडीटीएस के प्रधान राकेश ठाकुर ने बताया कि मुख्यमंत्री के साथ दो दौर की वार्ता हुई। मुख्यमंत्री ने पहले प्लांट शुरू करने पर जोर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अदाणी समूह सिंगल डिजिट में मालभाड़ा देना चाहता है, लेकिन सरकार ट्रक ऑपरेटरों को 10.20 रुपये मालभाड़ा दिला सकती है। मुख्यमंत्री ने दाड़लाघाट ट्रक यूनियन और बीडीटीएस को मालभाड़े पर सहमति बनाने के लिए कहा है। गौरतलब है कि बरमाणा का एसीसी और दाड़लाघाट का अंबुजा सीमेंट प्लांट मालभाड़ा विवाद को लेकर 51 दिन से बंद हैं। हजारों लोगों की रोजी-रोटी पर संकट छा गया है।

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