राईट न्यूज / हिमाचल
मनाली-लेह सड़क को छह दिन बाद एकतरफा यातायात के लिए बहाल कर दिया गया है। शनिवार शाम बीआरओ ने इस मार्ग पर वाहनों की आवाजाही शुरू कर दी। हालांकि, बाहंग से वशिष्ठ चौक तक यातायात एक तरफा रहेगा। सड़क खुलते ही सोलंगनाला में फंसे ट्रक भी निकलने शुरू हो गए हैं। सड़क खुलने से अब लाहौल घाटी के किसानो ने राहत सांस ली है। अब किसान अपना मटर देश की मंडियों तक भेज सकेंगे। सड़क बंद होने के कारण किसान मटर का तुड़ान भी नहीं कर पा रहे थे। बाढ़ से तहस-नहस हुई सड़क को बीआरओ ने फिर से बनाने का कार्य युद्ध स्तर पर चलाया है। बाहंग से वशिष्ठ चौक तक बाढ़ के कारण सड़क जगह-जगह बह गई थी। मौसम खुलते ही 13 जुलाई से सड़क को ठीक करने का कार्य शुरू कर दिया था।
महज तीन दिन मे कड़ी मेहनत के बाद बीआरओ ने रिकॉर्ड समय में वाहनों की आवाजाही शुरू कर दी। बीआरओ ने रात-दिन सड़क बहाल करने का कार्य चलाया। इसमें लगभग 10 मशीनरी और 100 से अधिक कामगार डटे रहे। सड़क बंद होने के कारण बाहंग तक ही वाहन चल रहे थे। केलांग से आने वाली बसें भी बाहंग से ही लौट रही थीं। सोलंगनाला में तीन दिनों से फंसे ट्रक चालक व परिचालकों ने भी राहत की सांस ली है। डीएसपी मनाली केडी शर्मा ने बताया कि मनाली-लेह मार्ग खुल गया है। बाहंग से वशिष्ठ चौक तक सड़क एकतरफा खुली है। फंसे हुए ट्रक फिलहाल मनाली से वामतट मार्ग होते हुए अरछंडी होकर भेजे जा रहे हैं। ट्रकों को बारी-बारी भेजा जाएगा। एक बार में करीब 50 ट्रक भेजे जाएंगे। ताकि जाम की स्थिति पैदा न हो।
मार्ग बंद हो से क्षेत्र में फंसे करीब 2000 भारी वाहनों को निकाला जा रहा है। युद्ध स्तर पर केवल 80 घंटे के दिन-रात चले बहाली कार्य के बाद सड़क को खोल दिया गया। यह सड़क केंद्र शासित प्रदेश लेह के लिए एक जीवन रेखा है। साथ ही लेह में तैनात सैनिकों के शीतकालीन भंडारण के लिए महत्वपूर्ण है।