राइट न्यूज हिमाचल/बिलासपुर
बिलासपुर जिले के तलवाड़ गांव की बेटी सपना चंदेल ने भारतीय वन सेवा (IFS) परीक्षा पास कर पूरे जिले का नाम रोशन किया है। जैसे ही यह शुभ समाचार गांव पहुंचा, तलवाड़ में खुशी की लहर दौड़ गई। अपनी इस शानदार सफलता के बाद जब सपना गांव लौटीं, तो उनका ढोल-नगाड़ों और फूल-मालाओं से जोरदार स्वागत किया गया।
पूरे गांव में उत्सव का माहौल था और हर कोई अपनी बेटी की इस उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहा था।सपना चंदेल पूर्व सैनिक रविंद्र चंदेल की बेटी हैं और उनकी माताजी एक गृहिणी हैं। सपना बचपन से ही पढ़ाई-लिखाई में काफी होशियार थीं। उन्होंने अपनी स्नातक (ग्रेजुएशन) और स्नातकोत्तर (पोस्ट-ग्रेजुएशन) की पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय से पूरी की।
दिल्ली में पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी भी शुरू कर दी थी। सपना ने बताया कि शुरुआत में उन्होंने कोचिंग की मदद ली, लेकिन बाद में अपनी पूरी तैयारी खुद की कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास के दम पर की। उनका मानना है कि सेल्फ-स्टडी और लगन किसी भी परीक्षा में सफलता की कुंजी है।सपना चंदेल के लिए यह सफलता चौथे प्रयास में मिली है। उन्होंने बताया कि पहले के तीन प्रयासों में उन्हें असफलता मिली, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
अपनी गलतियों से सीखते हुए और लगातार मेहनत करते हुए उन्होंने इस बार अपने सपने को साकार कर दिखाया। भारतीय वन सेवा की मुख्य परीक्षा में उनके वैकल्पिक विषय (ऑप्शनल सब्जेक्ट) फॉरेस्ट्री और जूलॉजी थे। सपना ने इस बात पर जोर दिया कि पढ़ाई के साथ-साथ मानसिक संतुलन और अनुशासन बनाए रखना भी बहुत ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि इन दोनों चीज़ों ने उनकी सफलता में अहम भूमिका निभाई।सपना की इस उपलब्धि पर गांव के लोगों ने इसे पूरे क्षेत्र के लिए गर्व का विषय बताया है। ग्रामीणों ने कहा कि सपना ने न केवल अपने माता-पिता का, बल्कि पूरे बिलासपुर जिले का नाम ऊंचा किया है। उनकी यह सफलता आज के युवाओं के लिए एक बड़ी प्रेरणा बनकर उभरी है। सपना ने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि असफलता से कभी घबराना नहीं चाहिए। उनका मानना है कि निरंतर प्रयास, कड़ी मेहनत और अटूट आत्मविश्वास से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यदि मेहनत ईमानदारी और लगन से की जाए, तो सफलता निश्चित रूप से मिलती है।