ACC कंपनी के श्रमिकों ने किया विरोध-प्रदर्शन, प्रबंधन पर लगाया शोषण का   आरोप :बिलासपुर

ACC कंपनी के श्रमिकों ने किया विरोध-प्रदर्शन, प्रबंधन पर लगाया शोषण का आरोप :बिलासपुर

राईट न्यूज / बिलासपुर

ACC के ठेकेदार श्रमिकों द्वारा कारखाने के अंदर व सीमैंट लोडिंग के दौरान फैल रहे सीमैंट प्रदूषण से तंग आकर कंपनी की अनदेखी और मनमानी के खिलाफ मंगलवार को विरोध-प्रदर्शन किया गया। एसीसी ठेकेदार वर्क र्ज यूनियन के अध्यक्ष शिवराम सांख्यान ने बताया कि लगभग 2 सप्ताह से कंपनी के खिलाफ किए जा रहे इस विरोध-प्रदर्शन में वर्कर्ज कारखाने के अंदर काम कर अपनी ड्यूटी के बाद एसीसी के मेन गेट के बाहर खड़े होकर कंपनी की कुटनीतियों के खिलाफ विरोध करते हैं। कारखाने के अंदर प्रदूषण के कारण व पैकिंग प्लांट में काम करते समय सांस लेने में और सीमैंट बैग गिनने में मजदूरों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। यदि कोई भी श्रमिक कंपनी प्रबंधन से इस बारे में शिकायत करता है तो उन पर एसीसी प्रबंधन वर्ग नौकरी से हटा देने की धमकी देकर ज्यादा से ज्यादा डिस्पैच देने का दबाव बना रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रबंधन की तानाशाही नीति के कारण सीमैंट प्रदूषण से बहुत से मजदूरों की जिंदगियां दांव पर लगी हैं और कुछ की तो सीमैंट प्रदूषण के कारण गंभीर बीमारियों की चपेट में आने के कारण मृत्यु तक हो चुकी है। यहां तक कि एसीसी मैनेजमैंट व ठेकेदार केंद्रीय सह-श्रमायुक्त चंडीगढ़ को भी गुमराह करने में कोई परहेज नहीं करते हैं। उन्होंने बताया कि मजदूरों पर आरोप लगाया जा रहा कि मजदूरों ने स्लो डाऊन किया है जबकि सच्चाई यह है कि सीमैंट कारखाने के अंदर सीमैंट प्रदूषण का कहर है, जिसके कारण काम करने में बाधा आ रही है।

8 की जगह 12 घंटे की कर दी है मजदूरों की ड्यूटी

उन्होंने कहा कि पिछले एक साल से अप्रत्यक्ष रूप से मजदूरों की ड्यूटी 8 की जगह 12 घंटे की कर दी है। यानी मैनेजमैंट व ठेकेदारों ने 30 वर्षों से चला आ रहा 90 टन लोड की जगह 135 टन लोड करना निर्धारित कर दिया है। मजदूरों की संख्या पहले की अपेक्षा 50 प्रतिशत रह गई है और प्रदूषण के कहर में मजदूरों को 90 टन का लोड भी मुश्किल है। हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण विभाग के निरीक्षण के समय प्लांट में दो-चार दिन के लिए थोड़ा सुधार किया जाता है। प्रदूषण के मामले में प्रदूषण नियंत्रण विभाग भी मात्र औपचारिकता ही निभाता है। उन्होंने कहा कि जब तक कारखाने के अंदर कंपनी द्वारा सीमैंट प्रदूषण पर रोक नहीं लगाई जाती और मजदूरों के हितों और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवाई जाती हैं तब तक एसीसी ठेकेदार मजदूरों का आंदोलन जारी रहेगा।

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