राईट न्यूज / सिरमौर
पांवटा साहिब भंगाणी डाकपत्थर मार्ग पर से गिरी नदी पर पड़ने वाले बांगरन पुल का मरम्मत कार्य लगभग 4/5 माह से चला हुआ है। लोगों का कहना है कि प्रशासन, लोक निर्माण विभाग और ठेकेदार इसमें लापरवाही बरत रहे हैं। वहीं, बांगरन पुल के पास नदी मे से वैकल्पिक मार्ग बनाया गया है। जिस का खामियाजा वाहनों मालिको व चालको के साथ साथ राहगीरों को भुगतना पड़ रहा है
गौरतलब है कि वैकल्पिक मार्ग पर हर रोज छोटे मोटे हादसे हर दिन होते रहते हैं। लेकिन आज रविवार सुबह प्रशासन, पीडब्ल्यूडी व ठेकेदार की पुल रिपेयर करने मे सुस्ती का खामियाजा जब एक बड़े टिप्पर चालक व मालिक को भुगतना पड़ा 12 चक्का टिपर चालक वैकल्पिक मार्ग पर बनाई गई चढ़ाई पर चढ़ते हुए टिप्पर से अपना नियंत्रण खो बैठा जिस कारण टिप्पर नीचे खड्ड में पलट गया। हादसे मे टिप्पर को काफ़ी नुक्सान पहुंचा।
गनीमत यह रही कि कोई अन्य गाड़ी या व्यक्ति इसकी चपेट में नहीं आया। नही तो हादसा और भी बड़ा हो सकता था इतना ही नहीं पुल पर बनाए गए वैकल्पिक मार्ग पर कई बार इस प्रकार के हादसे हो चुके हैं। नदी मे गाड़ियों का धसना तो आम बात है। लेकिन बांगरन पुल का मरम्मत कार्य अभी भी अधर में लटका हुआ है। उम्मीद लगाई जा रही इस महा के आखरी सप्ताह तक बांगरन पुल आवाजाही के लिए बहाल कर दिया जाएगा।
खोड़ोवाला व पांवटा साहिब ट्रक यूनियन के ऑपरेटर्स का कहना है सरकारी कर्मचारियों व ठेकेदार की गलती के कारण गाड़ियों को बहुत नुकसान उठाना पड़ रहा है। गाड़ी मालिक व चालक की रोटी तो गाड़ियों पर ही निर्भर है अगर गाड़ी एक्सिडेंट हो जाती है जिस समय तक गाड़ी वर्कशाप में रहती है। सरकार तो उस समय का भी टैक्स हमसे वसूल करती हैं। जब गाड़ी चालक की गलती से दुर्घटना होती है सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचता है तब चालक पर पुलिस केस बना देती है। फिर ठेकेदार, पीडब्ल्यूडी की लेट लतीफी के कारण हुए हादसे पर इनपर केस नही। गाड़ी वाले को सरकार की ओर से मुआवजा दिया जाना चाहिए।