शिमला: इंटक के पांचवीं बार प्रदेशाध्यक्ष बने हरदीप सिंह बावा

शिमला: इंटक के पांचवीं बार प्रदेशाध्यक्ष बने हरदीप सिंह बावा

राईट न्यूज / हिमाचल

इंटक में इस बार भी वीरभद्र सिंह गुट का दबदबा रहा है। इंटक के प्रदेशाध्यक्ष हरदीप सिंह बावा को रविवार को एक बार फिर सर्वसम्मति से प्रदेश अध्यक्ष चुन लिया गया है। उन्हें 5वीं बार प्रदेश इंटक की बागडोर सौंपी गई है। राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) का राज्य स्तरीय चुनाव वर्ष 2021-24 तक राजीव भवन शिमला में राष्ट्रीय युवा इंटक अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय इंटक सचिव संजय गावा की अध्यक्षता में हुआ।

चुनाव में 116 इंटक से जुड़ी यूनियनों के 300 से अधिक डेलीगेटों ने भाग लिया। इंटक की प्रदेश कार्यकारिणी का गठन एक माह में किया जाएगा। इंटक के नए प्रदेशाध्यक्ष हरदीप सिंह बावा ने कहा कि प्रदेश में कामगारों की आवाज सरकार तक जोरदार तरीके से पहुंचाई जाएगी। कामगार बोर्ड से जुड़े मजदूरों के हक सरकार से दिलाए जाएंगे।

मनरेगा के लाखों मजदूरों को साल में 200 दिन का काम और दिहाड़ी तीन सौ रुपये दिलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में इंटक से करीब ढाई सौ मजदूर संगठन जुड़े हैं। वर्ष 1990 में एक हजार सदस्य इंटक के थे और आज यह संख्या डेढ़ लाख तक पहुंच गई है। नई कार्यकारिणी में सवा सौ पदाधिकारी और कार्यकारिणी सदस्य रहेंगे। इंटक ने 18 प्रस्ताव पारित किए हैं और ये सरकार के समक्ष रखे जाएंगे।

हिमाचल प्रदेश इंटक के अध्यक्ष हरदीप सिंह बावा की अध्यक्षता में रविवार को राजीव भवन में  जनरल काउंसिल ने प्रस्ताव सर्वसहमति से पारित कर मांग की है कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में निजी भागीदारी न की जाए। तीनों कृषि कानूनों और चारों श्रम सुधार कानूनों को वापस लिया जाए। मनरेगा कामगारों की दिहाड़ी 300 रुपये, मनरेगा कामगारों के कार्य दिवस 200 दिन और कम से कम मजदूरी 20 हजार रुपये प्रतिमाह की जाए।

पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जाए। कहा कि 18 प्रस्तावों का मांगपत्र मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को भेजा जाएगा। कहा कि कुछ अधिकारियों ने गलत तथ्य प्रस्तुत करने के उपरांत दो वर्ष पहले जारी अधिसूचनाओं को वापस कर हजारों कर्मचारियों को नुकसान पहुंचाया है। इंटक मजदूरों के हितों से खिलवाड़ सहन नहीं करेगी। कर्मचारियों को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष किया जाएगा।

मांग की कि आशा कार्यकर्ताओं को अनुबंध राजकीय अधिसूचना के तहत न्यूनतम वेतन दिया जाए। इनके काम के घंटे निर्धारित किए जाएं और साप्ताहिक अवकाश देने के लिए नीति बनाएं। इन्हें स्वास्थ्य विभाग में समायोजित किया जाए। भवन एवं निर्माण कामगार बोर्ड से पंजीकृत श्रमिकों तीन साल से देय सुविधाओं को बहाल करें। कामगारों के इंडक्शन हीटर, सोलर लैंप, महिला साइकिल, वाशिंग मशीन आदि के फार्म भरवाए थे। बोर्ड में कामगारों के पंजीकरण सरल करें।

श्रम कल्याण बोर्ड के हॉस्टलों में बोर्ड में पंजीकृत कामगारों के बच्चों के लिए ट्रेनिंग दी जाए। ये हॉस्टल 4 वर्षों से खाली पड़े हैं। परिवहन निगम के सेवारत एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों के वेतन और भत्तों का भुगतान किया जाए। आउटसोर्स कर्मचारियों को अनुबंध पर लाने के लिए नीति बनाई जाए। संशोधित वेतनमान दिया जाए। 102 और 108 एंबुलेंस के साथ कार्यरत कर्मचारियों को न्यायालय के आदेशों के अनुसार वेतन दिया जाए।

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