राइट न्यूज हिमाचल
हिमाचल प्रदेश की शांत वादियों में अब नशे की काली परछाइयां गहराती जा रही हैं। पहाड़ी राज्य में नशे का जहर धीरे.धीरे समाज की जड़ों को खोखला कर रहा है और इसकी सबसे बड़ी कीमत चुका रहे हैं युवा। सिरमौर जिला के पांवटा साहिब उपमंडल से सामने आया एक और मामला इस कड़वी सच्चाई की ओर इशारा करता है।शहर के एक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। मृतक की पहचान 27 वर्षीय मयंक के रूप में हुई है, जो पांवटा साहिब का ही निवासी था। उसका शव एक कार से बरामद किया गया है।
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि युवक लंबे समय से नशे का आदी था और कई बार नशा मुक्ति केंद्र में भी भर्ती हो चुका था।सिरमौर, कांगड़ा, मंडी, शिमला और कुल्लू जैसे जिलों में नशे से जुड़े मामले लगातार बढ़ रहे हैं। खासकर चिट्टा (सिंथेटिक ड्रग्स), हेरोइन, अफीम और नशे की गोलियां युवाओं में तेजी से फैल रही हैं। राज्य में चल रहे कई नशा मुक्ति केंद्र इस बात के गवाह हैं कि समस्या कितनी गंभीर हो चुकी है।हालांकि प्रशासन की ओर से नशे के खिलाफ अभियान चलाए जा रहे हैं, परंतु जब तक समाज और परिवार इस दिशा में जागरूक नहीं होंगे, तब तक हालात नहीं बदल सकते। युवाओं को खेल, रोजगार और मानसिक स्वास्थ्य से जोड़ने की ज़रूरत है ताकि वे नशे से दूर रह सकें।
इस दुखद घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हम अपनी युवा पीढ़ी को बचाने के लिए पर्याप्त प्रयास कर रहे हैं? अगर नहीं, तो समय आ गया है कि सरकार, समाज और परिजन मिलकर इस गंभीर खतरे के खिलाफ एकजुट होकर खड़े हों।

