राइटन्यूज स्टोरी :— गुरू गोविन्द सिंह की तपोस्थली है पांवटा साहिब।

राइटन्यूज स्टोरी :— गुरू गोविन्द सिंह की तपोस्थली है पांवटा साहिब।

पावँटा साहिब —
भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश का एक छोटा शहर है। यह सिरमौर जिला के उत्तर दिशा मे यमुना नदी के किनारे पहाड़ियो के बीच बसा रमणीक स्थान है। यहाँ सीमेंट , दवाई , रसायन द्रव्य , खाद्य उत्पादन का उद्योगिक क्षेत्र स्थापित है। एशिया का सबसे बड़ा चुना का बाजार(सतौन) यहीं पर है। यमुना नदी के किनारे बना पावँटा साहिब” का गुरुद्वारा बहुत बड़ा तीर्थ स्थान माना जाता है।

इस शहर को दशम गुरु गुरु गोबिन्द सिंह द्वारा स्थापित किया गया था। इसी जगह का नाम पहले “पाओंटिका ” था। कहा जाता है की दशम गुरु गोबिन्द सिंह जी ने अश्व रोहण करते हुए जा रहे थे। वे इसी जगह पहुँच कर रुक गए थे। इसी लिए ” पाओं” और ” टीका ” को मिलाकर”पाओंटिका”(पावँटा) नाम दिया गया था। गुरु गोबिन्द सिंह जी ने इस जगह पर गुरुद्वारा  स्थापन किया और यहीं पर अपने जीवन के साढ़े 4 साल तक वक्त गुजारा। इस स्थान पर दशम धर्मग्रंथ रचना की थी। इस स्थान पर ही गुरू साहिब के बड़े साहिब जादे बाबा अजीत सिँह ने जन्म लिया कहते है गूरू साहिब जब अपने जीवन की पहली जंग भंगानी साहिब मे जीत कर वापिस पावंटा साहिब आये।तभी उन्हें पुत्र के जन्म का पता चला।गुरु साहिब ने पुत्र का नामकरण किया अजीत सिंह नाम दिया।आज भी मौजूद है यहां गुरू गोबिन्द सिहं जी की कलम व शस्त्र

पौंटा साहिब गुरूद्वारे मे गुरू गोबिन्द सिंह जी और उनके जीवन से जुड़ी कई स्मृतियां आज भी यहां मौजूद है। गुरूद्वारे में एक संग्रहालय बना हुआ है। जहां गुरू गोबिन्द सिंह जी से जुड़ी हुई कई स्मृतियां समेट कर रखी गई है। यहां गुरू गोबिन्द सिंह जी की कलम मौजूद है। बताया जाता है कि यह वही कलम है जिससे गुरू गोबिन्द सिंह जी ने दशम ग्रंथ की रचना की थी। यहां बने संग्रहालय में गुरूजी की कलम और उनके शस्त्रो को दर्शन हेतु रखा गया है। साथ ही गुरू गोबिन्द सिंह जी इस्तेमाल किया हुआ सामान भी मौजूद है।

भौगोलिक स्थिति 

पावँटा साहिब की अबोस्थिती यह जगह समुद्र का स्तर से 1,276 फुट ऊपर है।यहां नजदीकी शहर हिमाचल प्रदेश का नाहन , हरियाणा के यमुनानगर , उत्तरप्रदेश के सहारनपुर और उत्तराखंड के देहरादून है। कलेसर नेशनल पार्क यहाँ से करीब 15-16 किलोमीटर दूर है।

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