राईट न्यूज़ हिमाचल/मंडी
कीरतपुर-मनाली फोरलेन प्रोजेक्ट के तहत नेरचौक से पंडोह तक बनाए जा रहे फोरलेन की गुणवत्ता को लेकर निर्माणाधीन केएमसी कंपनी पर लगातार सवाल उठ रहे हैं।
फोरलेन प्रोजेक्ट के तहत मंडी शहर को बाईपास करने के लिए बनाई जा रही चार टनलों के बीच सौली खड्ड नाले के पास लगाए जा रहे डंगों को लेकर नेला वार्ड के बाशिंदों ने सवाल खड़े किए हैं।
लोगों का कहना है कि कंपनी ने पहले कंकरीट के पक्के डंगे लगाने का वादा किया था लेकिन अब उसके स्थान पर पत्थरों के बीच मिट्टी भरकर कच्चे डंगे लगाए जा रहे हैं। इन डंगों की नींव भी पक्की नहीं है और इन्हें कच्ची मिट्टी पर ही लगाया जा रहा है।
स्थानीय निवासी अंकुश मोहन, विशाल पटियाल और गगन कुमार ने बताया कि कंपनी ने नाले में मिट्टी और मलबे को डंप करके उसकी गहराई और चौड़ाई को कम कर दिया है। पिछले साल बरसात के दौरान नाले में आई भयंकर बाढ़ से यहां काफी ज्यादा नुकसान हुआ था और अब इसकी चौड़ाई कम हो जाने से यदि इस बार भी भारी बारिश होती है तो और ज्यादा नुकसान होना तय है।
लोगों का कहना है कि कई बार कंपनी प्रबंधन, जिला प्रशासन और एनएचएआई को इस बारे में लिखित में अवगत करवाया लेकिन कहीं पर भी कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई जा रही है। इन्होंने जिला प्रशासन और एनएचएआई से मांग उठाई है कि इन डंगों की गुणवत्ता की जांच की जाए और इन्हें तुरंत प्रभाव से हटाकर इनके स्थान पर कंकरीट के पक्के डंगे लगाए जाएं। यदि ऐसा नहीं किया जाता तो फिर कंपनी प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोलने से भी गुरेज नहीं किया जाएगा।
वहीं, जब इस बारे में केएमसी कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर राज शेखर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जो भी निर्माण कार्य हो रहा है वो एनएचएआई द्वारा बनाए गए डिजाइन और नियमों के तहत ही हो रहा है। कुछ स्थानीय लोग नाले के पास अपनी जमीन का हवाला देते हुए इस कार्य को नहीं करने दे रहे थे। लेकिन अब जिला प्रशासन के सहयोग से पूरे क्षेत्र की दोबारा से निशानदेही की गई है।
जो दायरा एनएचएआई का आया है उसमें नियमों के तहत कार्य किया जा रहा है।
