बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के तहत मार्च 2025 में आयोजित दसवीं कक्षा की परीक्षा की ड्राइंग विषय की उत्तर पुस्तिकाओं में छेड़छाड़ के मामले ने बड़ा रूप ले लिया है. बिलासपुर जिले के झंडूता शिक्षा खंड के राजकीय उच्च विद्यालय ज्योरा के छात्रों के अभिभावकों ने इस मामले में राज्यपाल और मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश को संबोधित गंभीर आरोपों से भरा ज्ञापन उपायुक्त बिलासपुर को सौंपा है.
अभिभावकों ने कहा, ‘इस प्रकार की छेड़छाड़ से बच्चों की मेहनत पर पानी फिर गया है और उनका मनोबल टूट गया है. मेहनती विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हुआ है. यह मामला गैर जिम्मेदाराना लापरवाही और व्यवस्था की नाकामी को उजागर करता है’
अभिभावकों का कहना है कि उनके बच्चों ने मार्च 2025 में बोर्ड परीक्षा दी थी, जिसका एग्जाम सेंटर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय झंडूता में था. परिणाम घोषित होने के बाद जब उन्होंने ड्राइंग विषय के अंक देखे, तो उन्हें अंक अत्यंत कम लगे. इस पर अभिभावकों ने सूचना का अधिकार के तहत हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड से संबंधित उत्तर पुस्तिकाएं मांगीं. आरटीआई के माध्यम से प्राप्त उत्तरपुस्तिकाएं देखकर अभिभावक हैरान रह गए, क्योंकि उनमें स्पष्ट रूप से छेड़छाड़ और संशोधन के संकेत मिले.
उत्तर पुस्तिकाओं की छाया प्रतिलिपियां भी ज्ञापन के साथ प्रशासन को सौंपी गई हैं. अभिभावक प्रतिनिधियों ने बताया कि वे 9 अक्टूबर 2025 को धर्मशाला जाकर बोर्ड सचिव से मिले और पूरा मामला विस्तार से बताया. बोर्ड सचिव ने 17 अक्टूबर 2025 को बच्चों की उत्तर पुस्तिका दिखाएं, लेकिन उनमें हुए बदलाव देखकर सभी अभिभावक स्तब्ध रह गए. जब उन्होंने बोर्ड सचिव से इस पर लिखित जवाब मांगा, तो जवाब असंतोषजनक और अस्पष्ट रहा.
मामले में निष्पक्ष जांच की मांग
अभिभावकों और छात्रों ने इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय, निष्पक्ष और पारदर्शी जांच करने की मांग की है. साथ ही इसमें शामिल सभी जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए. ज्ञापन में अभिभावकों ने लिखा है कि इस घटना से प्रदेश की शिक्षा की गुणवत्ता, हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की पारदर्शिता और शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं.

