राइट न्यूज हिमाचल
हिमाचल में मौसम का मिजाज बदल गया है। आज चंबा, कांगड़ा, मंडी, कुल्लू, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में 40 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से तेज तूफान चलने और वर्षा होने की संभावना जताई गई है। इसके अलावा, 20 से 25 जून तक हिमाचल प्रदेश में भारी वर्षा की संभावना है। इन अनुमानों को देखते हुए, मौसम विभाग ने 20 जून के आसपास हिमाचल प्रदेश में मानसून के पहुंचने का अनुमान लगाया है।
यह समय से पहले मानसून की दस्तक हो सकती है, जो किसानों के लिए शुभ संकेत है, लेकिन शहरी इलाकों में जलभराव की समस्या बढ़ा सकती है।मंगलवार को हिमाचल प्रदेश में मौसम ने करवट ली, जहां एक ओर ऊंचे पहाड़ी दर्रों पर हिमपात हुआ, वहीं मैदानी इलाकों में मूसलाधार बारिश ने जनजीवन प्रभावित किया। बारालाचा, कुंजुम और रोहतांग दर्रा जैसे स्थानों पर हल्का हिमपात दर्ज किया गया, जिससे पहाड़ों पर ठंडक बढ़ गई। इसके विपरीत, शिमला, हमीरपुर और ऊना जैसे शहरों में भारी वर्षा हुई, जिसने कई जगहों पर सामान्य जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया।शिमला में भारी बारिश के कारण कई घरों में पानी घुस गया, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
इस बारिश ने मानसून से पहले की तैयारियों की पोल खोल दी, क्योंकि कई स्थानों पर पानी नालियों में बहने के बजाय सड़कों और रास्तों पर जमा हो गया। सोलन जिले के बद्दी में भी ऐसी ही स्थिति देखने को मिली, जहां सड़कों पर जलभराव ने यातायात को बाधित किया।बीते 24 घंटों के दौरान हुई वर्षा के आंकड़े भी चौंकाने वाले हैं। ऊना के रायपुर मैदान में सबसे अधिक 130.2 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई, जो रिकॉर्ड स्तर पर है। इसके अलावा, हमीरपुर के बड़सर में 90 मिमी, बल्द्वाड़ा में 62 मिमी, कसौली में 52 मिमी, शिमला में 46 मिमी, भुंतर में 41 मिमी, बिलासपुर में 40 मिमी, नेरी में 35.0 मिमी और शिलारू में 30 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
हिमपात और वर्षा के कारण प्रदेश के अधिकतम तापमान में भी उल्लेखनीय गिरावट आई है। कई स्थानों पर अधिकतम तापमान में 11 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई है, जिससे मौसम सुहावना हो गया है। कुल्लू के भुंतर में अधिकतम तापमान में सबसे अधिक 11.4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई, जबकि मनाली में 8.6 डिग्री सेल्सियस की गिरावट देखी गई। धर्मशाला, कल्पा, सुंदरनगर, सोलन और नारकंडा में 7.5 डिग्री सेल्सियस, और बिलासपुर व हमीरपुर में छह डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई।हालांकि, प्रदेश में सबसे अधिक तापमान अभी भी ऊना में 32.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। न्यूनतम तापमान में भी दो से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है, जिससे रातें ठंडी हो गई हैं।
मौसम में इस अचानक बदलाव ने स्थानीय निवासियों और पर्यटकों दोनों को प्रभावित किया है। प्रशासन को जलभराव और अन्य संबंधित समस्याओं से निपटने के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है, जबकि किसान इस बारिश को अपनी फसलों के लिए फायदेमंद मान रहे हैं।