हिमाचल में इस मंदिर कमेटी का कारनामा- माता के गहनों को गिरवी रख लिया लोन

राइट न्यूज हिमाचल

हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर स्थित उपमंडल भोरंज के अवाहदेवी मंदिर में एक बड़ा विवाद सामने आया है। यहां पूर्व मंदिर कमेटी पर आरोप है कि उनके द्वारा माता के गहनों पर करीब पौने नौ लाख रुपये का ऋण लेकर उन्हें गिरवी रख दिया था। जिसके बाद इस मामले ने तुल पकड़ना शुरू कर दिया है।माता के गहनों पर पौने लाख का लोनबता दें कि इस मामले में अभी तक सामने आया है कि करीब पौने नौ लाख रुपये का लोन लिया गया है।

जिस में से अब तक 2.5 लाख रुपये का भुगतान बैंक में किया जा चुका है, लेकिन बाकी ऋण की अदायगी अभी बाकी है। इस घटना से न केवल भक्तों की आस्था को धक्का लगा है, बल्कि यह भी सवाल उठ रहे हैं कि मंदिर की संपत्ति का इस तरह से दुरुपयोग कैसे हुआ।नई कमेटी ने लिया कर्ज चुकता करने का जिम्माइस मामले को लेकर भोरंज विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुरेश कुमार और मंदिर की नई कमेटी ने एक विशेष बैठक आयोजित की।

बैठक में आसपास के व्यापारी वर्ग और स्थानीय लोग भी शामिल हुए। नई मंदिर कमेटी के अध्यक्ष रमेश गुलेरिया ने बताया कि पुरानी कमेटी ने बाबा बालकनाथ मंदिर के निर्माण के लिए माता के गहनों पर कर्ज लिया था, जो कि उचित नहीं था। उन्होंने कहा कि अब नई कमेटी यह सुनिश्चित करेगी कि माता के गहनों को छुड़ाने के लिए जल्द ही बाकी कर्ज चुकता किया जाए।विधायक सुरेश कुमार ने दी पारदर्शिता की सलाहविधायक सुरेश कुमार ने कहा कि अवाहदेवी मंदिर भोरंज और धर्मपुर दोनों विधानसभा क्षेत्रों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है।

उन्होंने मंदिर कमेटी के कामकाज में पारदर्शिता लाने के लिए एक ऑडिट करवाने की आवश्यकता जताई। इसके अलावा, उन्होंने कमेटी को आदेश दिया कि गहनों पर लिया गया कर्ज जल्द से जल्द चुकता किया जाए। विधायक ने यह भी कहा कि मंदिर कमेटी का विस्तार किया जाना चाहिए और इसमें भोरंज और धर्मपुर के विधायक और सांसद को शामिल किया जाना चाहिए, ताकि कार्यों की निगरानी की जा सके।आध्यात्मिक विश्वास को फिर से बनाना है मजबूतइस अवसर पर मंदिर कमेटी के महासचिव ओम चंद, व्यापार मंडल के अध्यक्ष विनोद कुमार और बीडीसी अनीता समेत अन्य लोग भी मौजूद रहे।

बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि मंदिर के कार्यों में पारदर्शिता और विश्वास बहाली के लिए एक मजबूत निगरानी तंत्र स्थापित किया जाएगा। नई कमेटी की कोशिश है कि भविष्य में ऐसी अनियमितताएं न हों और भक्तों का विश्वास फिर से बहाल किया जा सके।

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