राइट न्यूज हिमाचल
हिमाचल के मंडी जिला का जवान हवलदार नवल किशोर सियाचिन में शहीद हो गया था। आज शहीद की पार्थिव देह उनके पैतृक गांव में लाई गई, जहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान भारी संख्या में लोग मौजूद रह कर जवान को नम आंखों से अंतिम विदाई दी।
इस दौरान सैना की टुकड़ी ने शहीद को अंतिम सलामी दी।मंडी जिला के सदर उपमंडल के जलौन गांव के रहने वाले जवान नवल किशोर का पार्थिव शरीर मंगलवार दोपहर बाद उनके पैतृक गांव लाया गया। जैसे ही शहीद की पार्थिव देह उनके घर पहुंची तो हर तरफ चीख पुकार मच गई। शहीद की देह देख पत्नी और मां का रो रो कर बुरा हाल हो रहा था।
पत्नी श्वेता ने लाल जोड़ा पहन दुल्हन के लिबास में अपने शहीद पति को अंतिम यात्रा पर भेजा।पत्नी जहां एक तरफ अपने हाथों की चूड़ियों को देख रही थी, वहीं पति से यह कहती रही कि जवानी में ही तुम मुझे छोड़ कर कहां चले गए। वहीं मां भी बेटे के सिर पर हाथ रख कर कह रही थी बेटा नवलू हमे छोड़ कर तू कहां चला गया।
मां और पत्नी को देख कर वहां का दृश्य दिल को दहला देने वाला था, जिसे देख कर वहां मौजूद हर शख्स की आंख नम हो गई।आज जैसे ही शहीद की पार्थिव देह उनके घर पहुंची तो नवल किशोर अमर रहे, भारत माता की जय के नारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए लोगों की भारी भीड़ जुटी हुई थी। वहीं प्रशासन की तरफ से डीएम मंडी डॉ मदन कुमार तथा सैन्य अधिकारियों सहित परिजनों एवं क्षेत्र के लोगों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
इसके बाद शहीद का पार्थिव शरीर पैतृक श्मशानघाट ले जाया गया, जहां हजारों लोगों ने नम आंखों से शहीद को अंतिम विदाई दी।बता दें कि हवलदार नवल किशोर जो एंड के राइफल में सेवारत थे तथा गत दिनों सियाचिन ग्लेशियर में राष्ट्र की सेवा करते हुए शहीद हो गए थे। नवल किशोर को सांस लेने में दिक्कत हुई और उनकी मौत हो गई। बड़ी बात यह है कि नवल किशोर मात्र 27 वर्ष के थे और करीब डेढ़ साल पहले ही उनकी शादी हुई थी। शहीद नवल किशोर की पत्नी श्वेता पुलिस विभाग में सेवाएं दे रही है और इस समय वह किन्नौर जिला के टापरी में कार्यरत है।
नवल किशोर के घर में उनके बूढ़े माता पिता के अलावा पत्नी और छोटा भाई है। नवल किशोर का भाई भी भारतीय सेना में सेवाएं दे रहा है। नवल किशोर के पिता राज मिस्त्री का काम करते हैं। परिजनों ने बताया कि ढाई महीने पहले जवान नवल किशोर चार दिन की छुट्टी काटकर सियाचिन गए थे। मार्च में नवल किशोर ने फिर से छुट्टी आना था। आखिरी बात शनिवार को जवान ने अपने माता.पिता से बात की थी।
वहीं नवल किशोर की पत्नी श्वेता इन दिनों छुट्टियों पर घर आईं थीं और घर पर ही उसे पति की शहादत की सूचना मिली। नवल किशोर अभी महज 27 वर्ष के ही थे और 2017 में जैक राइफल में भर्ती हुए थे।
