राईट न्यूज / हिमाचल
पिछले पांच महीने हिमाचल के नेताओं के लिए ठीक नहीं रहे हैं। पांच माह के भीतर हिमाचल की सियासत से चार बड़े नेता दुनिया से रुकसत हो गए। ऐसे में अब राज्य के चार हल्कों में उपचुनाव होने हैं। 2022 विस चुनावों से पहले दोनों पार्टियों के लिए यह सेमीफाइनल है। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के निधन के बाद अब प्रदेश में तीन नहीं चार हलकों में उपचुनाव होंगे, जिनमें तीन विधानसभा क्षेत्र और एक लोकसभा क्षेत्र शामिल है। हिमाचल ने पिछले पांच महीनों में जिन चार बड़े नेताओं को खोया है उनमें फतेहपुर से सुजान सिंह पठानिया, मंडी से लोकसभा सांसद राम स्वरूप शर्मा, जुब्बल कोटखाई से नरेंद्र बरागटा और अब अर्की से राजा वीरभद्र सिंह की मौत के कारण चार स्थानों पर उपचुनाव होंगे। ऐसे में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की साख दांव पर है।
राजा वीरभद्र सिंह की मौत के बाद अर्की विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं। ऐसे में अब कांग्रेस को यहां पर नया प्रत्याशी ढूंढना होगा। फरवरी में फतेहपुर से विधायक सुजान सिंह पठानिया का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। 17 मार्च को मंडी लोकसभा क्षेत्र से रामस्वरूप शर्मा का शव दिल्ली में उनके आवास पर मिला था। मंडी लोकसभा सीट भाजपा के लिए बड़ी महत्त्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री का गृह जिला होने के कारण यह जीत हासिल करना भाजपा के लिए महत्त्वपूर्ण है। ऐसे में अगर वीरभद्र सिंह के परिवार से कोई चुनावी मैदान में उतरता है, तो सहानुभूति लहर के चलते भाजपा को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
पांच जून को जुब्बल कोटखाई सीट से विधायक नरेंद्र बरागटा का भी पीजीआई में देहांत हो गया। यहां पर भी भाजपा और कांग्रेस के बीच उपचुनाव में कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है। अभी किसी भी जगह से पार्टियों ने अपने प्रत्याशियों के नाम अनाउंस नहीं किए है।