हिमाचल की बेटी ने बनाया सॉफ्टवेयर, असली-नकली सिग्नेचर की करेगा पहचान

राइट न्यूज हिमाचल

हिमाचल प्रदेश के होनहार युवा हर क्षेत्र में अपनी सफलता का परचम लहरा रहे हैं। सूबे की बेटियां किसी भी क्षेत्र में बेटों से पीछे नहीं हैं। इसी कड़ी में अब हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला की बेटी ने बड़ी उपलब्धि हासिल कर प्रदेश का नाम रोशन किया है।

आपको बता दें कि रोहड़ू उपमंडल की दामिनी सिवान ने एक ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार किया है- जिसकी हर तरफ चर्चा हो रही है। गर्व की बात है कि दामिनी के इस सॉफ्टवेयर को भारत सरकार से कॉपीराइट भी मिल चुका है।दामिनी रोहड़ू के रणसार क्षेत्र स्थित रोहल गांव की रहने वाली हैं। दामिनी पंजाब यूनिवर्सिटी में फॉरेंसिक साइंस विभाग में PHD शोधार्थी और फॉरेंसिक वैज्ञानिक हैं।

दामिनी ने अपने मार्गदर्शक प्रोफेसर केवल कृष्ण के नेतृत्व और अपनी टीम के साथ मिलकर एक शानदार सॉफ्टवेयर तैयार किया है।दामिनी ने एक ऐसा सॉफ्टवेर विकसित किया है- जो असली और नकली हस्ताक्षरों को चंद सेकेंड में पहचानने में सक्षम है।ये सॉफ्टवेयर 90 प्रतिशत की सटीकता के साथ हस्ताक्षरों की पहचान कर सकता है। दामिनी के इस सॉफ्टवेयर को फॉरेंसिक साइंस के क्षेत्र में एक बेहद महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।दामिनी ने उस उपलब्धि से साबित कर दिखाया है कि कोई भी कार्य मुश्किल नहीं होता है।

मेहनत और लगन से किसी भी मुकाम को हासिल किया जाता है। इस उपलब्धि के बाद दामिनी के घर पर बधाई देने वाले लोगों का तांता लग गया है। हर कोई दामिनी की तारीफ कर रहा है और गर्व महसूस कर रहा है।ग्रमीणों का कहना है कि दामिनी की ये सफलता महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो रही है।

दामिनी क्षेत्र के बाकी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं। दामिनी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, शिक्षकों और दोस्तों को दिया है।

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