राइट न्यूज हिमाचल
पांवटा साहिब की ग्राम पंचायत राजपुर के तहत आने वाले गांव रामनगर में बीते दिन अचानक आए भारी तूफान और बारिश ने जमकर तबाही मचाई। तेज हवाओं और मूसलाधार बारिश ने न केवल सामान्य जनजीवन को अस्त-व्यस्त किया, बल्कि किसानों की मक्की की फसल को भी भारी नुकसान पहुंचाया।
खेतों में खड़ी मक्की की तैयार फसलें तेज हवाओं और बारिश की मार से जमीन पर बिछ गई, जिससे किसान अब भारी नुकसान के चलते चिंतित और निराश हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार रामनगर में बीते दिन हवाओं के साथ भारी बारिश शुरू हुई जो देर रात तक चलती रही। हवाओं की रफ्तार इतनी तेज थी कि कई जगह पेड़ उखड़ गए। किसानों के भरे मक्खी के खेत तेज हवाओं के चलते जमीन पर गिर गए हैं।
इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए उन्होंने प्रशासन से गुहार लगाई है कि प्रशासन समय रहते हुए उनकी सहायता करें। तूफान और बारिश का सबसे बुरा असर किसानों पर पड़ा है। इस मौसम में मक्की की फसल लगभग तैयार थी और किसानों को जल्द ही उनकी कटाई शुरू करनी थी, लेकिन बीती रात के तूफान ने उनकी सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
खेतों में खड़ी मक्की की फसलें तेज हवाओं और भारी बारिश से धराशाही हो गई। कई किसानों ने बताया कि उनकी पूरी फसल बर्बाद हो गई है, जिससे उनके परिवारों की आजीविका पर बड़ा संकट खड़ा हो गया है।गांव के किसान हरि राम जिनके पास पांच बीघा जमीन है ने बताया कि हमारी मक्की की फसल कटने के लिए तैयार थी, लेकिन इस तूफान ने सब कुछ तबाह कर दिया। अब हमें समझ नहीं आ रहा कि आगे क्या करेंगे।
पहले ही लागत बढ़ी हुई थी और अब यह नुकसान हमें कर्ज के जाल में फंसा सकता है। वहीं एक अन्य किसान तोता राम, गीता राम, नरेश कुमार, सुरेश कुमार, माम चंद, रमेश चंद्र, मुकेश कुमार नीटू, पवन सिंह आदि ने बताया कि हर साल मौसम की मार झेलनी पड़ती है। इस बार भी जब फसल अच्छी दिख रही थी तब यह तबाही आ गई। अब तो हमारे पास बीज और खाद का खर्च निकालना भी मुश्किल हो जाएगा। तूफान के बाद क्षेत्र के किसानों ने प्रशासन से मदद की मांग की है।
रामनगर के किसानों ने जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि फसल नुकसान का आकलन कर उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए। कई किसानों ने यह भी कहा कि अगर जल्द ही राहत कार्य शुरू नहीं किए गए तो उनकी स्थिति और गंभीर हो सकती है।
