राईट न्यूज / हिमाचल
अदाणी समूह की शर्तों पर ट्रक ऑपरेटरों ने दोटूक कहा कि वे शर्तें मानना तो दूर सुनेंगे भी नहीं। उन्होंने चेताया कि अदाणी समूह मौजूदा रेट और आधारभूत रेट को बदलने की कोशिश न करे। ट्रक ऑपरेटर नियम, सिद्धांत और संविधान के अनुरूप काम कर रहे हैं। अदाणी समूह तानाशाही पर उतर गया है। यह तानाशाही हिमाचल में नहीं चलेगी। यूनियन के नेताओं ने सरकार से मांग की है कि 12 जनवरी को हुई बैठक में दिए आंकड़ों के अनुसार जल्द अधिसूचना जारी की जाए। बिलासपुर ट्रक ऑपरेटर सहकारी सभा बरमाणा (बीडीटीएस) के अध्यक्ष लेखराम वर्मा ने कहा कि ट्रक ऑपरेटर अदाणी समूह की शर्तें को सिरे खारिज करते हैं।
अदाणी समूह तानाशाही तरीके से शर्तें थोपने की कोशिश कर रहा है। अदाणी समूह ने सीमेंट प्लांट को बिना चलाए घाटे में दिखाना शुरू कर दिया। घाटे का आरोप ट्रक ऑपरेटरों पर डाल दिया। अदाणी समूह की ट्रांसपोर्ट यूनियन को खत्म करने की साजिश है। पूछा कि जब प्लांट को खरीदने के लिए अनुबंध किया था तो क्या उसमें यह शर्तें रखी थी? ट्रक ऑपरेटर 2005 के फार्मूले के तय रेट पर माल ढुलाई कर रहे हैं। सरकार की कमेटी को फार्मूले के तहत आंकड़े दे दिए हैं। ऑपरेटर सरकार की अधिसूचना का इंतजार कर रहे हैं। बीडीटीएस कार्यालय सचिव नंदलाल कौंडल ने कहा कि अदाणी समूह की शर्तें ट्रक ऑपरेटर को मंजूर नहीं हैं। ऑपरेटर अपनी शर्तों पर माल ढुलाई करेंगे।
दाड़लाघाट में ट्रक ऑपरेटरों का प्रदर्शन, अदाणी समूह के खिलाफ नारेबाजी
दाड़लाघाट में ट्रक ऑपरेटरों ने शनिवार को भी धरना-प्रदर्शन किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक फैसला उनके हक में नहीं आता, तब तक धरना शांतिपूर्ण तरीके से चलता रहेगा। शनिवार को ऑपरेटर अंबुजा के मुख्य पर इकट्ठा हुए। इसके बाद बस स्टैंड दाड़लाघाट तक आक्रोश रैली निकाली और वापस अंबुजा चौक पहुंचे। इस दौरान रुक-रुक कर जाम भी लगता रहा। करीब दो घंटे रोष प्रदर्शन किया। ऑपरेटरों ने अदाणी समूह के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की।
ट्रक ऑपरेटर नरेंद्र हांडा, राकेश गौतम, अनूप शर्मा, देशराज, नीलम भारद्वाज, दीप चंद आदि ने कहा कि मामला सुलझता नजर नहीं आ रहा है। ऑपरेटरों की आर्थिक स्थिति दयनीय होती जा रही है। एडीकेएम के सदस्य अरुण शुक्ला व एसडीटीओ के कोषाध्यक्ष राम कृष्ण बंसल ने कहा कि मालभाड़े को लेकर कंपनी प्रबंधन और ट्रक ऑपरेटरों के बीच विवाद को 39 दिन हो गए और ट्रक सड़क किनारे खड़े हैं, लेकिन कोई भी सकारात्मक नतीजा नहीं निकला है। उम्मीद है कि सरकार उनकी समस्याओं को देखते हुए इस मसले का शीघ्र ऑपरेटरों के पक्ष में हल निकालेगी।