शिमला – हिमाचल में प्राइवेट बस ऑपरेटरों ने बसों का संचालन बंद कर दिया है। राज्य में सोमवार को अधिकांश रूटों पर निजी बसें नहीं चलीं। यूनियन के पदाधिकारियों के मुताबिक सोमवार को मात्र 30 बसें ही चलीं, जबकि राज्य में 3070 बसें खड़ी रहीं। लगातार हो रहे घाटे के चलते प्राइवेट बस ऑपरेटर यूनियन ने रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस कर बसें न चलाने का निर्णय लिया था। यूनियन के प्रधान राजेश पराशर ने कहा कि पहले लॉकडाउन के अढ़ाई महीने के दौरान निजी बस ऑपरेटरों को घाटे का सामना करना पड़ रहा था। राज्य सरकार के निर्देशों पर हिमाचल में पहली जून से बसों का संचालन शुरू हो गया था, मगर रूटों पर सवारियां ने होने के कारण रोजाना निजी बस ऑपरेटरों को घाटा हो रहा था। बस मालिकों को रोजाना अपनी जेब से चार से पांच हजार रुपए खर्च करने पड़ रहे थे। कई ऑपरेटर तो अड्डा फीस तक नहीं दे पा रहे थे। कई ऑपरेटरों का पेट्रोल पंप पर 30 से 40 हजार रुपए का उधार हो गया है। ऐसे हालात देखकर यूनियन ने बसें खड़ी करने का निर्णय लिया है। कुछ रूटों पर ऑपरेटरों को सवारियां मिल रही हैं, वहां करीब 30 बसें चल रही हैं। ये रूट कांगड़ा, शिमला व रामपुर में हैं, जबकि शेष हिमाचल में निजी बसों का संचालन पूरी तरह बंद है। प्रदेश में निजी बस ऑपरेटर संघ के प्रदेश महासचिव रमेश कमल ने कहा है कि प्रदेश में लॉकडाउन और वैश्विक महामारी कोरोना के चलते सवारियां नहीं मिल रही, इसलिए यह तय किया गया है कि जब तक सरकार निजी बस ऑपरेटर के हित में कोई सकारात्मक फैसला नहीं किया जाता है, तब तक बसें नहीं चलाएंगे।
