हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बजट सत्र के छठे दिन सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच चला आ रहा गतिरोध आखिरकार टूट ही गया। शुक्रवार को कांग्रेस विधायक दल सदन में लौट आया। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री सहित पांच काग्रेस विधायकों ने 2:55 बजे सदन में प्रवेश किया। विपक्ष ने मेज थपथपा कर स्वागत किया। इस दौरान माकपा विधायक राकेश सिंघा चर्चा में हिस्सा ले रहे थे।
इससे पहले माकपा विधायक राकेश सिंघा ने प्रेस वार्ता में गतिरोध खत्म हो जाने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सत्र के पहले दिन से ही सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच चल रहे गतिरोध को विराम देने पर दोनों पक्षों में सहमति बन गई है। शनिवार को भी प्रदेश सरकार के बजट पेश करने के दौरान कांग्रेस के सभी विधायक सदन में मौजूद रहेंगे। पत्रकारों के सवालों पर उन्होंने गतिरोध तोड़ने को लेकर किन-किन बिंदुओं पर सहमति बनी, इसका खुलासा करने से इनकार कर दिया।
इससे पहले बजट सत्र के छठे दिन शुक्रवार को भी विधानसभा के बाहर कांग्रेस विधायकों ने फिर प्रदर्शन किया। कांग्रेस का कोई भी विधायक सदन में नहीं गया। 11 बजे शुरू हुई सदन की बैठक में प्रश्नकाल विपक्षी दल कांग्रेस के बगैर ही चलता रहा। भाजपा, निर्दलीय और माकपा के विधायक ही मंत्रियों से सवाल पूछते रहे। दूसरी ओर कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा परिसर के बाहर पहुंचते ही नारेबाजी की। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने सरकार पर हिटलरशाही करने के आरोप लगाए।
शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही कांग्रेस विधायक मुख्य द्वार पर इकट्ठा हो गए। ये रोजाना की तरह ही यहां बैठ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। गौरतलब है कि विपक्ष नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री समेत पांच सदस्यों के निलंबन की कार्रवाई का विरोध कर रहा है।
विधानसभा अध्यक्ष ने यह कार्रवाई 26 फरवरी को राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय का रास्ता रोकने के मामले में की है। इसी मुद्दे पर आरोपों-प्रत्यारोपों का भी दौर चल रहा है। विपक्ष पहले दिन से ही प्रश्नकाल में भाग नहीं ले रहा है। कांग्रेस विधायकों के सवालों को छोड़कर सदन में भाजपा, निर्दलीय और माकपा विधायक के ही सवाल लग रहे हैं।